आम आदमी को बजट में मिलना चाहिये कर लाभ: विशेषज्ञ
By भाषा | Published: June 9, 2019 06:58 PM2019-06-09T18:58:06+5:302019-06-09T18:58:06+5:30
इसके अलावा पांच प्रतिशत कर श्रेणी की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये से साढ़े सात लाख रुपये कर सकती है।’’ कानून कंपनी लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन में पार्टनर एस वासुदेवन ने कहा कि आयकर अधिनियम में कुछ प्रावधानों पर पुन: गौर किया जाना चाहिये।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आयकर से छूट की सीमा बढ़ाकर कम से कम तीन लाख रुपये तथा कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर से छूट देनी चाहिये। यह उपभोग तथा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये जरूरी है। कर विशेषज्ञों ने यह कहा। सीतारमण पांच जुलाई को बजट पेश करने वाली हैं।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर एंड लीडर (निजी कर) कुलदीप कुमार ने कहा, ‘‘भारत वैश्विक आर्थिक परिस्थिति से अप्रभावित नहीं रह सकता है और घरेलू स्तर पर भी चुनौतियां हैं। ऐसे में आम आदमी को बजट से काफी उम्मीदें हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार आधारभूत छूट की सीमा अभी के ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर सकती है।
इसके अलावा पांच प्रतिशत कर श्रेणी की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये से साढ़े सात लाख रुपये कर सकती है।’’ कानून कंपनी लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन में पार्टनर एस वासुदेवन ने कहा कि आयकर अधिनियम में कुछ प्रावधानों पर पुन: गौर किया जाना चाहिये। उदाहरण के लिये कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर से छूट दी जानी चाहिये। टैक्समैन के डीजीएम नवीन वाधवा ने कहा कि पहली एनडीए सरकार ने अपने पहले बजट में 2014 में कर से छूट का दायरा बढ़ाया लेकिन बाद में करदाताओं को अधिक लाभ नहीं दिया गया।