उत्तराखंड सरकार के लिए प्रवासियों की घर वापसी संग कोरोना वायरस से निपटने की चुनौती बढ़ी
By भाषा | Published: May 15, 2020 02:58 PM2020-05-15T14:58:24+5:302020-05-15T14:58:24+5:30
उत्तराखंड सरकार के लिए प्रवासी श्रमिकों का आवागमन शुरू होने के मद्देनजर संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ने के बीच इससे निपटना एक चुनौती बन गया है। राज्य में प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी शुरू होने से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 15 मामले सामने आ चुके हैं।
देहरादून: उत्तराखंड में प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी शुरू होने से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 15 मामले सामने आ चुके हैं। लॉकडाउन के तीसरे चरण में राज्य सरकारों के आपसी सहयोग से प्रवासी श्रमिकों का आवागमन शुरू होने के मद्देनजर संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ने के बीच इससे निपटना राज्य सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा, ‘‘जब से प्रवासी श्रमिक यहां आना शुरू हुए हैं, प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले फिर से सामने आने लगे हैं। पिछले 10 दिन में उत्तराखंड में लगभग 15 संक्रमित मरीज मिले हैं।’’ सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 दिन में एक-तिहाई प्रवासी श्रमिक यहां आ चुके हैं और प्रवासियों के आने का सिलसिला लगभग 10-15 दिन जारी रहेगा।
अधिकारियों का मानना है कि ये 15 दिन राज्य के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे। अभी तक देश के विभिन्न स्थानों से रेलगाड़ियों, बसों, टैक्सियों तथा निजी वाहनों के जरिए 70,000 लोग प्रदेश में आ चुके हैं जबकि राज्य सरकार के पोर्टल पर दो लाख से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है। पुलिस महानिदेशक कुमार ने जनता से इन 15 दिन में सर्वाधिक सजग और सावधान रहने का आग्रह किया और कहा कि कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों से लोगों के आने के कारण सभी को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
उन्होंने चेताया कि अगर इस समय सावधानी नहीं बरती गयी, तो यह संक्रमण समुदाय में फैल जाएगा । प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी जनता को केवल बहुत आवश्यक होने पर ही बाहर निकलने का सुझाव दिया है और कहा है कि अगर बाहर जाना भी पड़े तो सबको दो गज की सामाजिक दूरी और मास्क पहनने की आवश्यक शर्तों का जरूर पालन करना चाहिए । बाहर से आने वाले लोगों को भी 14 दिन पृथक-वास में रहने को कहा गया है तथा इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी गयी है ।
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने सभी जिलाधिकारियों को लिखे एक पत्र में कहा है कि देहरादून जिला प्रशासन ने 12—13 मई को प्रदेश के बाहर से आए कुछ प्रवासियों के औचक नमूने लेकर जांच कराई थी, जिनमें 48 में से चार नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर प्रदेश के बाहर से लौट रहे 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, राज्य के बाहर के चिकित्सालयों में भर्ती रहकर लौट रहे लोगों, चार मई को लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने के बाद प्रदेश के बाहर से आए लोगों समेत चार श्रेणियों के लोगों की औचक नमूने लेकर जांच कराई जा रही है।
उधम सिंह नगर, पौडी, नैनीताल, हरिद्वार एवं देहरादून जिलों में सीमा चौकियों पर औचक नमूने लिए जा रहे हैं तथा उनकी रिपोर्ट आने तक लोगों को पृथक-वास में रखने की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया है। इस बीच, बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासियों के पृथक-वास की चुनौती को देखते हुए राज्य सरकार ने गांवों के ग्राम प्रधानों को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है।
पौडी जिले के रिखणीखाल क्षेत्र के कांडा गांव की ग्राम प्रधान अनिता देवी ने बताया कि उनकी ग्रामसभा में पिछले एक सप्ताह में दिल्ली, गुरुग्राम और सूरत से 50 प्रवासी श्रमिक वापस आए हैं और सभी के पृथक-वास की व्यवस्था कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि इनमें से 20 प्रवासी अपने घरों में पृथक-वास में रह रहे हैं जबकि अन्य 30 लोगों को तीन स्कूलों एवं बिजली विभाग के एक अतिथि गृह में पृथक-वास में रखा गया है।