प्रमुख विषयों पर केंद्र ‘एकपक्षीय’ तरीके से काम कर रहा, सहकारी संघवाद की भावना कायम रखी जाए:सोरेन
By भाषा | Published: January 22, 2021 06:28 PM2021-01-22T18:28:17+5:302021-01-22T18:28:17+5:30
(आसिम कमाल)
नयी दिल्ली, 22 जनवरी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर कई महत्वपूर्ण विषयों पर ‘‘एकपक्षीय’’ तरीके से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ‘‘सहकारी संघवाद’’ की भावना को कायम रखने के लिए राज्यों के साथ अवश्य ही परामर्श किया जाना चाहिए।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बकाये जैसे कई मुद्दों पर उनकी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ तकरार रही है।
सोरेन इस हफ्ते की शुरूआत में दिल्ली की यात्रा पर थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों--गृह मंत्री अमित शाह, कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से अलग-अलग मुलाकात की। उनकी इन मुलाकातों को कई मुद्दों पर सिलसिलेवार तकरार चलने के बाद केंद्र के साथ संबंधों में सुधार लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष ने जोर देते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस, वाम दलों और मजबूत क्षेत्रीय दलों सहित विपक्षी पर्टियों को केंद्र में और भाजपा शासित राज्यों में, दोनों ही जगह भगवा पार्टी के खिलाफ समन्वित रुख अख्तियार करने की जरूरत है।
सोरेन ने पीटीआई-भाषा को दिये एक साक्षात्कार में भाजपा के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनके शासन के तहत झारखंड में कानून व्यवस्था खराब हो गई है। वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विपक्ष झारखंड की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों की तरह हम कभी कोई घटना नहीं छिपाते। वे घटनाओं को छिपाते हैं। हम नहीं छिपाते हैं, बल्कि फौरन कार्रवाई करते हैं। मैंने उच्चतम स्तर के पुलिस अधिकारियों को फौरन कदम उठाने और मामलों का शीघ्र हल करने का निर्देश दिया है।’’
जीएसटी के बकाये और कोयला ब्लॉक आवंटन जैसे विषयों को लेकर केंद्र के साथ उनकी तकरार के बारे में पूछे जाने पर सोरेन ने कहा कि बीते साल, कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय विषय, जीएसटी बकाया, कोयला ब्लॉक आवंटन, तीन मेडिकल कॉलेजों के संचालन को निलंबित करना जैसे विषय समय-समय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष उठाए गए थे।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन केंद्र सरकार ने लगातार हमारी सिफारिशों की अनदेखी की और हमारी बातों पर विचार किये बगैर इन मुद्दों पर एकपक्षीय तरीके से काम किया। ’’
सोरेन, जीएसटी मुआवजे के मुद्दे को लेकर केंद्र की आलोचना करते रहे हैं और उस पर राज्य के बकाये का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ राज्यों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर उनके (राज्यों के) साथ केंद्र को अवश्य परामर्श करना चाहिए और सहकारी संघवाद की भावना कायम रखनी चाहिए। ’’
यह पूछे जाने पर कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए क्या कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने में नाकाम रही है, सोरेन ने कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि कांग्रेस नाकाम रही है और उम्मीदों के अनुरूप चीजें नहीं हो पाना चुनावी लड़ाई का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय दल सीटें जीतने में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं क्योंकि वे जमीनी हकीकत को कहीं बेहतर जानते हैं। ’’
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सिर्फ सीटें जीतना ही महत्वपूर्ण नहीं है, हमें एक मजबूत गठजोड़ की भी जरूरत है जो समान विचार वाला हो। और इससे भी कहीं बड़ी चुनौती सभी विपक्षी दलों के बीच समन्वय स्थापित करने तथा भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाने की है। ’’
झामुमो नेता ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि क्षेत्रीय पार्टियां कहीं अधिक मजबूत हो रही हैं और भारतीय राजनीति में उनका महत्व बढ़ रहा है। हर राज्य की अलग-अलग जरूरतें हैं, जिन्हें क्षेत्रीय पार्टियां कहीं बेहतर समझती हैं। ’’
कोविड-19 के राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान पर सोरेन ने कहा कि झारखंड में इसे सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में टीकाकरण के लिए कुल 99.89 लाख लोगों की पहचान की गई है। प्रथम चरण में 1.5 लाख स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के दो लाख कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। ’’
उन्होंने बताया कि राज्य में कम से कम 275 टीका भंडारण केंद्र बनाए गए हैं।
पिछले महीने सोरेन सरकार का एक साल पूरा हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में शिक्षा, पोषण, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और रोजगार, आदिवासी कल्याण, उद्योग, खेल एवं पर्यटन पर ध्यान देगी।
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