लाल किले पर बच्चों की अनुपस्थिति से प्रधानमंत्री मोदी को खल गई कमी, स्वतंत्रता दिवस समारोह की कुछ झलकियां
By भाषा | Published: August 15, 2020 07:32 PM2020-08-15T19:32:08+5:302020-08-15T19:32:08+5:30
हर बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के उद्यान में रंग बिरंगे परिधान पहन कर बैठे हुए बच्चे भीड़ का ध्यान आकर्षित करते थे, लेकिन शनिवार को उनकी अनुपस्थिति सभी को खल गई।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ पर खासा जोर दिया और इसे विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी बताया तथा भारत के विकास की एक भावी रूपरेखा प्रस्तुत की। बतौर प्रधानमंत्री यह मोदी का लाल किले की प्राचीर से लगातार सातवां संबोधन था।
प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के उद्यान में रंग बिरंगे परिधान पहन कर बैठे हुए बच्चे भीड़ का ध्यान आकर्षित करते थे लेकिन शनिवार को उनकी अनुपस्थिति सभी को खल गई। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में बच्चों को नहीं बुलाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा, “आज हमारे बच्चे यहां हमारे साथ नहीं हैं। कोरोना वायरस महामारी ने हम सभी को रोक रखा है।” स्वतंत्रता दिवस समारोह में बच्चे ताली बजाकर और शोर मचाकर खुशी प्रकट करते थे लेकिन इस बार कोविड-19 के मद्देनजर समारोह सादगी भरा और शांत रहा।
कार्यक्रम की कुछ झलकियां इस प्रकार हैं: -
मोदी सुबह सात बजकर 18 मिनट पर लाल किला पहुंचे और यहां की प्राचीर से सातवीं बार ध्वजारोहण किया।
- प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर केसरिया एवं क्रीम रंग का साफा और आधी बांहों का कुर्ता पहन रखा था।
-प्रधानमंत्री की अगवानी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा रक्षा सचिव अजय कुमार ने की।
-रक्षा सचिव ने दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) का प्रधानमंत्री से परिचय करवाया।
- प्रधानमंत्री को संयुक्त सैन्य और पुलिस गारद ने सलामी दी।
-प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़े तथा उन्होंने करीब साढ़े सात बजे तिरंगा फहराया। ध्वजारोहण में मेजर श्वेता पांडे ने प्रधानमंत्री की सहायता की।
-21 तोपों की सलामी के साथ, सेना के बैंड ने राष्ट्रगान की प्रस्तुति दी।
-प्रधानमंत्री ने 86 मिनट तक देश को संबोधित किया। यह लगातार सातवां वर्ष है जब उन्होंने खुले मंच से संबोधन दिया, वहां बुलेटप्रूफ कांच का घेरा नहीं था।
-कोरोना वायरस के कारण इस बार समारोह में कम मेहमानों को बुलाया गया था।
-आगंतुक, मंत्री, राजनयिक, अधिकारी तथा सुरक्षा कर्मी, सभी ने मास्क पहन रखे थे तथा सभी लोग सामाजिक दूरी के नियमों का पालन कर रहे थे।
-आगंतुकों की जांच कर रहे सुरक्षाकर्मियों ने पीपीई किट पहन रखे थे।
-इस बार समारोह में स्कूली बच्चे शामिल नहीं थे, हालांकि एनसीसी के 500 कैडेट वहां मौजूद थे।
-आमतौर पर लाल किले का मैदान स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर खचाखच भरा होता है लेकिन इस बार कई कुर्सिंयां खाली पड़ी थीं।
-समारोह में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, एस. जयशंकर, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, रमेश पोखरियाल, हर्षवर्धन तथा प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद थे।
-प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और एडमिरल करमबीर सिंह भी इस अवसर पर मौजूद थे।
- प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय वस्तुओं का मान देने और उसका प्रचार-प्रसार करने को कहा।
-प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं, स्वतंत्रता के आंदोलन में कुर्बानी देने वाले सभी सेनानियों और देश की रक्षा में शहादत देने वाले जवानों को भी याद किया और उन्हें नमन किया।
-स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान गर्मी और उमस से राहत पाने के लिए आगंतुकों को आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाये गए हाथ के पंखों को झलते हुए देखा गया।