जम्मू-कश्मीरः पाकिस्तान की जीत पर जश्न को लेकर देशद्रोह का आरोप लगाने वाले छात्रों को आतंकियों ने दी धमकी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 27, 2021 03:43 PM2021-10-27T15:43:54+5:302021-10-27T15:54:55+5:30
टी-20 क्रिकेट के विश्व कप के मैच में रविवार को भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने वाले मेडिकल छात्रों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दो मामले दर्ज किए गए हैं।
जम्मू। टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तानी की जीत पर कश्मीर में खूब आतिशबाजी की गई जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है। 24 अक्टूबर को खेले गए भारत-पाकिस्तान के मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया जिसके बाद देश के कई हिस्सों में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया गया। वहीं कश्मीर में खूब आतिशाबाजी हुई। इसको लेकर पहले कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने थीं लेकिन अब आतंकी गुट भी मैदान में उतर आए हैं।
जम्मू-कश्मीर में उभरे नए आतंकी गुट यूनाइटड लिब्रेशन फ्रंट (यूएलएफ) ने उन छात्रों को धमकी व चेतावनी दी है जिन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की जीत पर खुशियां मनाने वालों के खिलाफ देशद्राह का आरोप लगाया था। आतंकी गुट ने इन छात्रों से 48 घंटों के भीतर अपनी एफआईआर वापस लेने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि टी-20 क्रिकेट के विश्व कप के मैच में रविवार को भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने वाले मेडिकल छात्रों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दो मामले दर्ज किए गए हैं। कश्मीर के आईजी विजय कुमार के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि करन नगर स्थित राजकीय मेडिकल कालेज और सौरा स्थित स्किम्स के छात्रों के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है। पाकिस्तान की जीत के बाद घाटी में कई जगहों पर लोगों के जश्न मनाने के वीडियो वायरल हुए थे।
इस कार्रवाई के बाद जम्मू कश्मीर छात्र संघ ने उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से मानवीय आधार पर यूएपीए के आरोपों को वापस लेने का आग्रह किया है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नासिर खुहमी ने एक बयान में कहा कि छात्रों के खिलाफ यूएपीए के आरोप एक कठोर सजा है जो उनके भविष्य को बर्बाद कर देगा और उन्हें और अलग कर देगा। उन्होंने कहा कि हम उनके कृत्य को सही नहीं ठहरा रहे हैं, लेकिन इसका परिणाम उनके करियर की हत्या होगी। उन्होंने कहा कि आरोपों का छात्रों के शैक्षणिक और भविष्य के करियर पर गंभीर परिणाम होंगे।
इस मामले पर महबूबा मुफ्ती, डॉ फारूक अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन के साथ भाजपा के कई जम्मू बेस्ड नेता आमने सामने आ चुके हैं। यही नहीं जम्मू में इन छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं और अब आतंकी गुट द्वारा इस मामले में कूद पड़ने से बवाल और तेज हो चुका है।