पटना में गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों के निशाने पर थीं पीएम मोदी की चुनावी सभाएं
By एस पी सिन्हा | Published: March 27, 2019 09:30 PM2019-03-27T21:30:27+5:302019-03-27T22:29:41+5:30
बांग्लादेश में बैठे उनके आका ने उन्हें रेकी के लिए भारत भेजा था. जिस तरह से बांग्लादेशी आतंकी ने अपनी इंडेक्स उंगली को उठा कर इशारा किया है, उसी तरह उंगली उठा कर आतंकी संगठन आइएसआइएस के सदस्य इशारा करते हैं.
बिहार की राजधानी पटना में पकड़े गये आंतकी अबू ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी यासिन भटकल की तरह ही अपनी इंडेक्स उंगली उठा कर इशारा किया. गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनावी सभाएं थीं. इसके लिए बहुत पहले से प्लानिंग चल रही थी. बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहिदीन और इस्लामिक स्टेट बाग्लादेश के सक्रिय सदस्य अबु सुल्तान और खैरू मंडल से पूछताछ में खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी हाथ लगी है.
इनके द्वारा अपनी इंडेक्स उंगली उठाये जाना यह इशारा किस बात का है? इस पर पुलिस अनुसंधान कर रही है. इसी तरह 30 अगस्त, 2013 को पकड़े गये आतंकी यासिन ने भी पूछताछ के दौरान बीएमपी पांच में मीडिया को देख कर अपनी इंडेक्स उंगली उठाई थी.
यासिन को भारत-नेपाल के बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था. उस समय यासिन भटकल की उंगली से इशारे का मतलब किसी की समझ में नहीं आया था. लेकिन 27 नवंबर को हुंकार रैली के दौरान सीरियल बम ब्लास्ट की घटना हुई थी. जांच एजेंसी से जुडे सूत्रों की मानें तो पकड़े गए दोनों आतंकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की होने वाली सभाओं के बारे में भी जानकारी जुटा रहे थे.
बांग्लादेश में बैठे उनके आका ने उन्हें रेकी के लिए भारत भेजा था. जिस तरह से बांग्लादेशी आतंकी ने अपनी इंडेक्स उंगली को उठा कर इशारा किया है, उसी तरह उंगली उठा कर आतंकी संगठन आइएसआइएस के सदस्य इशारा करते हैं. एक तरह से आइएसआइएस संगठन ने इसे प्रतीक के रूप में बना रखा है.
इंडेक्स उंगली उठाना शक्ति व विजयी होने के प्रतीक के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है. लेकिन आइएसआइएस के लिए इसका अर्थ भयावह रूप में हैं. आइएसआइएस अगर इस इशारे का उपयोग करता है, तो इसका अर्थ यह है कि पश्चिम का विनाश हो और पूरी दुनिया पर वे हावी होंगे.
बताया जा रहा है कि चुनाव के दौरान चुनावी सभा में हिसक घटनाओं को अंजाम देकर यहां के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बिगाड़ने की साजिश थी. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार आतंकवादियों की मंशा प्रधानमंत्री मोदी की सभा में आतंकी वारदात को अंजाम देकर उन्हें नुकसान पहुंचाने की थी. लिहाजा वे प्रधानमंत्री के चुनावी मूवमेंट की जानकारी भी हासिल कर रहे थे.
यहां बता दें कि 2 अप्रैल को गया और जमुई में मोदी की चुनावी सभा होने वाली है. संभव है दोनों आतंकियों को इसकी पूरी जानकारी रही हो. लिहाजा वे लोग पिछले कई दिनों से गया में ठहरे हुए थे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों आतंकियों में से एक खैरू मंडल पिछले साल ही बांग्लादेश से भारत में दाखिल हुआ था.
ट्रक में छिपकर भारत में घुसपैठ करने वाला यह आतंकी आईइडी बनाने में एक्सपर्ट है. बताया जा रहा है कि इसने असम, बिहार, दिल्ली से लेकर उत्तर भारत के कई राज्यों में स्लीपर सेल तैयार कर चुका है.
सूत्रों के अनुसार, खैरू मंडल लगातार अपने आकाओं के संपर्क में था. वहीं, पुलिस इसे रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है, जिसके बाद कई और जानकारियां बाहर आएंगी. सूत्रों के मुताबिक, दोनों ने पूछताछ में बताया है कि देश भर के बौद्ध धार्मिक स्थल आतंकियों के निशाने पर हैं.
गिरफ्तार आतंकियों ने एटीएस के समक्ष खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस से संपर्क होने की भी बात कबूल की है. एटीएस ने इनके पास से जम्मू कश्मीर में अर्धसैनिक बल की प्रतिनियुक्ति से संबंधित आदेशों की फोटोकॉपी, आईएसआईएस और अन्य आतंकी संगठनों के पर्चे और पोस्टर की फोटोकॉपी समेत कई संवेदनशील सामग्रियां बरामद की हैं.