करुणानिधि के सम्मान में तमिलनाडु में बनाया जाएगा मंदिर, लोगों ने कहा- आरक्षण देने के लिए हम उन्हें अपने परिवार का देवता मानते
By भाषा | Published: August 25, 2019 08:05 PM2019-08-25T20:05:12+5:302019-08-25T20:05:12+5:30
यह मंदिर एक दशक पहले द्रमुक सरकार के दौरान अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण के हिस्से के तौर पर अरुणथाथियार समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में तीन फीसदी कोटा देने के लिए करुणानिधि का आभार जताने के लिये बनवाया जाएगा।
तमिलनाडु में नामक्कल के समीप एक गांव में अनुसूचित जाति का एक वर्ग द्रमुक के दिवंगत नेता एम करुणानिधि के सम्मान में एक मंदिर बनाएगा। यह मंदिर तमिलनाडु में अरुणथाथियार समुदाय को अलग से आरक्षण दिलाने में उनके योगदान के लिए बनाया जाएगा। रविवार को यहां से करीब 37 किलोमीटर दूर कुचिकाडू गांव में 30 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस मंदिर के लिए ‘भूमि पूजा’ की गई।
यह मंदिर द्रमुक की महिला इकाई के स्थानीय पदाधिकारियों के सहयोग से बनाया जाएगा। यह मंदिर एक दशक पहले द्रमुक सरकार के दौरान अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण के हिस्से के तौर पर अरुणथाथियार समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में तीन फीसदी कोटा देने के लिए करुणानिधि का आभार जताने के लिये बनवाया जाएगा।
कुचिकाडू की भाग्यम ने कहा, ‘‘हम कलैनार को हमें आरक्षण देने के लिए अपने परिवार का देवता मानते हैं। आभार स्वरूप हम कलैनार के लिए मंदिर बनवा रहे हैं। हम इस उम्मीद के साथ भगवानों का मंदिर बनवाते हैं कि ईश्वर हमारा भला करेगा, कलैनार ने हमारे समुदाय के लिए जो किया उसी के लिए हम यह कर रहे हैं।’’
गौरतलब है कि साल 2009 में द्रमुक सरकार ने शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिये ‘‘तमिलनाडु अरुणथाथियार कानून’’ अधिसूचित किया था और उस साल अप्रैल से यह लागू हो गया था।