दूरसंचार विभाग चाहता है 4जी 'अपग्रेड' के लिए चीनी उपकरणों का इस्तेमाल ना करें BSNL और MTNL
By भाषा | Published: June 19, 2020 06:53 AM2020-06-19T06:53:45+5:302020-06-19T06:53:45+5:30
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में सोमवार रात (15 जून) को भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। इस घटना के चीनी प्रोडक्ट को बैन करने और उसको बहिष्कार करने की मांग की जा रही है।
नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग चाहता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल अपने 4जी नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए चीन के दूरसंचार उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करें। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच यह सरकार के सख्त रुख का संकेत है। भारतीय बाजार में काम कर रही चीन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता कंपनियों में हुवावेई और जेडटीई शामिल हैं। दूरसंचार विभाग के मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि विभाग संभवत: निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों से भी धीरे-धीरे चीन के उपकरणों पर निर्भरता कम करने के लिए कहेगा।
हालांकि, मोबाइल ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें अभी यह जानकारी नहीं है कि इस बारे में कोई औपचारिक आदेश दिया गया है या नहीं। इस बीच, समझा जाता है कि सरकार ने फैसला किया है कि भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) को 4जी अद्यतन में चीन के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहेगी। हालांकि, इस बारे में अभी आधिकारिक आदेश जारी किया जाना है।
उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि हुवावेई ने पिछले पांच साल में भुगतान संबंधी मुद्दों की वजह से बीएसएनएल की निविदा में बोली नहीं लगाई है। सरकार की ओर से किसी औपचारिक आदेश से उसके कारोबार और भविष्य की संभावनाओं पर सीमित असर होगा।
चीन की इस दिग्गज कंपनी के उपकरणों का इस्तेमाल निजी दूरसंचार कंपनियों के मौजूदा नेटवर्क में होता है। हालांकि, जिस एक क्षेत्र पर इसके प्रभाव पर सभी की निगाह रहेगी वह है, 5जी परीक्षण और भविष्य में बनने वाला विशाल 5जी नेटवर्क।