हैदराबाद नगर निगम चुनावः टीआरएस और भाजपा में टक्कर, TRS 56, बीजेपी 49 और AIMIM 43, असदुद्दीन ओवैसी का बुरा हाल
By शिरीष कुलकर्णी | Published: December 4, 2020 09:19 PM2020-12-04T21:19:38+5:302020-12-04T21:23:09+5:30
तेलंगाना: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी और पार्टी के राज्य अध्यक्ष बंडी संजय कुमार सहित अन्य भाजपा नेताओं ने हैदराबाद में अपनी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित होकर मिठाई बांटी और जश्न मनाया।
हैदराबादः हैदराबाद नगर निगम के लिए गत 1 दिसम्बर को आयोजित चुनाव की मतगणना आज की गई, जिसमें अंतिम समाचार मिलने तक तेलंगाना राष्ट्र समिति 56 सीटों पर जीत दर्जकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार 49 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए दूसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया है।
तीसरे स्थान पर एआईएमआईएम 43 सीटों के साथ नजर आ रही है। जबकि कांग्रेस मात्र 02 सीटों पर जीत दर्ज कर अंतिम स्थान पर बनी हुई है। अन्य किसी भी पार्टी या निर्दलीय उम्मीदवार को जीत दर्ज करने में सफलता नहीं मिली है।
इस चुनाव परिणाम से भाजपा के खेमें में जहाँ जश्न का माहौल है, वहीं टीआरएस को सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। राजनीतिक हलकों में इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि सत्ता स्थापना के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति खुले आम एआईएमआईएम से समझौता करेगी या नहीं। यदि इस तरह का समझौता होता है, तो टीआरएस के खेमे से कई निर्वाचित उम्मीदवार बगावत करने पर भी उतर सकते हैं।
पार्टी 2016 के चुनाव के मुकाबले शानदार प्रदर्शन करती दिख रही है, जिसमें उसे तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) के साथ गठबंधन करके चार सीटों पर जीत हासिल हुई थी। पिछले चुनाव में चंद्रशेखर राव नीत तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने 150 वार्डों में से 90 में जीत हासिल की थी।
#WATCH Telangana: BJP workers burst crackers in Hyderabad following the #GHMCElectionresultshttps://t.co/xihpiLV81tpic.twitter.com/JQa2eKO7kY
— ANI (@ANI) December 4, 2020
इन चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन से भाजपा का मनोबल और बढ़ गया है। इससे पहले, पिछले महीने दुब्बक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी पार्टी को जीत हासिल हुई थी। मंगलवार को हुए जीएचएमसी चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल किया गया था। मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुई और पहले डाक मतपत्रों की गिनती की गई।
भाजपा डाक मतपत्रों की गिनती में अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रही थी। हालांकि चुनाव के दौरान केवल 46.55 प्रतिशत मतदान हुआ था। कुल 74.67 लाख में से केवल 34.50 लाख मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। टीआरएस ने सभी 150 सीटों पर जबकि भाजपा ने 149 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। वहीं कांग्रेस ने 146, एआईएमआईएम ने 51, तथा तेदेपा ने 106 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।