तेलंगाना: बच्चों के अनुकूल बनाया गया पहला पुलिस थाना, खेलने-कूदने के सामान से लेकर पढ़ाई तक, सब कुछ है यहां

By भाषा | Published: November 14, 2019 08:22 PM2019-11-14T20:22:41+5:302019-11-14T20:22:41+5:30

बीबीए की सहायता से बने बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने की दीवारों को चित्रों से सजाया गया था। बच्चों को पुलिस थाने में सुविधा हो इसके लिए थाने में वाटर कूलर और बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके अलावा पुस्तकें और खिलौने भी उपलब्ध कराए गए हैं।

Telangana: First child-friendly police station established, from sports to education, everything is here | तेलंगाना: बच्चों के अनुकूल बनाया गया पहला पुलिस थाना, खेलने-कूदने के सामान से लेकर पढ़ाई तक, सब कुछ है यहां

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsतेलंगाना के बच्चों को समर्पित पहले पुलिस थाने का गुरुवार को मेडिपल्ली में उद्घाटन किया गया। इस आयोजन में बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के संस्थापक नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद थे।

तेलंगाना के बच्चों को समर्पित पहले पुलिस थाने का यहां गुरुवार को मेडिपल्ली में उद्घाटन किया गया। इस आयोजन में बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के संस्थापक नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद थे। यह थाना बीबीए के साथ संयुक्त तत्वावधान में स्थापित किया गया है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि बीबीए पुलिसकर्मियों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों से अवगत कराने और बच्चों के अनुकूल पुलिस थाने स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण देगा।

बाल संबंधी विषयों में पुलिस की भूमिका को रेखांकित करते हुए संगठन ने हितधारकों को इस बात की जानकारी दी कि सताए हुए बच्चों के साथ व्यवहार करते समय किसी भी प्रक्रियात्मक प्रावधान का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।

उद्घाटन समारोह में रचाकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत ने राज्य के पहले बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने के निर्माण में बीबीए की भूमिका और प्रयासों की प्रशंसा की।

बीबीए की सहायता से बने बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने की दीवारों को चित्रों से सजाया गया था। बच्चों को पुलिस थाने में सुविधा हो इसके लिए थाने में वाटर कूलर और बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके अलावा पुस्तकें और खिलौने भी उपलब्ध कराए गए हैं।

बीबीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर माथुर ने कहा, “बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि प्रत्येक बच्चे को सही और समय पर न्याय मिल सके। ऐसे पुलिस थाने अनुकूल वातावरण मुहैया कराते हैं और बच्चों से संबंधित अपराध दर्ज किए जाने को प्रोत्साहित करते हैं।”

पुलिस ने कहा कि ‘ऑपरेशन स्माइल’ और ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के दौरान 2017 से अब तक रचाकोंडा पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत कुल 1,884 बच्चों को बचाया जा चुका है।

Web Title: Telangana: First child-friendly police station established, from sports to education, everything is here

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