तेलंगानाः CAA के खिलाफ रैली में भाग लेने पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को हैदराबाद पुलिस ने हिरासत में लिया
By रामदीप मिश्रा | Published: January 26, 2020 07:26 PM2020-01-26T19:26:42+5:302020-01-26T19:26:42+5:30
चंद्रशेखर आजाद सीएए के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर छात्रों को संबोधित करने वाले थे। उनका सार्वजनिक बैठक में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने की कार्यक्रम बताया जा रहा था। हालांकि उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
हैदराबाद में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) में हुई एक सभा को संबोधित करने गए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को रविवार हिरासत में लिया गया है। आजाद को हैदराबाद पुलिस ने हिरासत में लिया। टिस छात्र संघ के सदस्यों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) के खिलाफ एक विरोध कार्यक्रम आयोजित किया था।
चंद्रशेखर आजाद सीएए के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर छात्रों को संबोधित करने वाले थे। उनका सार्वजनिक बैठक में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने की कार्यक्रम बताया जा रहा था। हालांकि उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने यहां जामा मस्जिद में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान 'भड़काऊ बयान' देने के आरोपी, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को चिकित्सा और चुनाव के उद्देश्य से दिल्ली आने की इजाजत दे दी थी। आजाद को निर्देश दिया गया था कि वह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में फतेहपुर पुलिस थाने के प्रभारी के पास चार हफ्ते तक हर शनिवार तथा हर महीने के आखिरी शनिवार अपनी हाजिरी दर्ज करवाएं।
Telangana: Bhim Army chief Chandrashekhar Azad has been detained by Hyderabad Police. (File pic) pic.twitter.com/NDq80aCP2t
— ANI (@ANI) January 26, 2020
उनके खिलाफ 20 दिसंबर को दरियागंज इलाके में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया था। अदालत आजाद द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने अपने जमानत आदेश की शर्तों में संशोधन का अनुरोध किया था। याचिका में कहा गया था कि भीम आर्मी प्रमुख का राष्ट्रीय राजधानी में एक दफ्तर है जहां वह सामाजिक कार्यों के लिये साप्ताहिक बैठकें करते हैं।
अदालत ने पूर्व में जमानत देते हुए आजाद के चार हफ्तों तक दिल्ली आने और चुनावों तक राष्ट्रीय राजधानी में कोई ‘‘धरना’’ देने पर रोक लगा दी थी।