बिहार में बिगड़ते कानून-व्यस्था पर तेजस्वी यादव ने साधा निशाना, CM नीतीश कुमार को 'महाजंगलराज के महाराजा' दिया करार
By एस पी सिन्हा | Published: November 29, 2020 04:08 PM2020-11-29T16:08:27+5:302020-11-29T16:12:00+5:30
तेजस्वी यादव ने सुशासन बाबू को 'महाजंगलराज के महाराजा' करार दिया है. तेजस्वी ने ट्वीट कर राज्य के अंदर कानून-व्यवस्था की स्थिती पर सवाल खड़ा किया है.
पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से हमलावर बने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अब बिहार में लगातार घट रही आपराधिक घटनाओं के बाद सरकार पर तीखा हमला बोला है. गोपालगंज में दिनदहाड़े डबल मर्डर और राजधानी पटना में सरेआम बीच सड़क पर महिला की हत्या के बाद तेजस्वी यादव ने बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के ऊपर हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए नीतीश सरकार पर हमला बोला है और कहा कि राज्य में चारो ओर महाजंगलराज का हाहाकर है.
तेजस्वी यादव ने सुशासन बाबू को 'महाजंगलराज के महाराजा' करार दिया है. तेजस्वी ने ट्वीट कर राज्य के अंदर कानून-व्यवस्था की स्थिती पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि बिहार में अपराधियों की बहार, गोलियों की बौछार और व्यवसायियों पर कहर के साथ ही महाजंगलराज का हाहाकार है. चहुंओर अराजक और डरावना माहौल बन गया है. विधि व्यवस्था समाप्त हो चुकी है. डबल इंजन ट्रेन में बैठे मुख्यमंत्री सुस्त, लाचार, बेबस और असहाय है. महाजंगलराज के महाराजा मौन क्यों है?
यहां बता दें कि बिहार में बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के आलाधिकारियों के साथ बैठक की थी. उन्होंने कानून-व्यवस्था को लेकर हो रही किरकिरी के बीच नीतीश कुमार एक्शन में दिखे थे. उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव और गृह सचिव के साथ साथ डीजीपी से लेकर पुलिस के तमाम बड़े अधिकारी तलब किये गये थे. पहले उनसे पूछा गया कि आखिरकार क्यों अपराधी बेलगाम होते जा रहे हैं? इसके बाद नीतीश कुमार ने पुलिसकर्मियों के लिए आदेश जारी किये. इस अहम बैठक में मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि किसी तरह का पुलिसकर्मियों की किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. जो लापरवाह होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
यहां उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बैठक में जो आदेश दिये वो कमोबेश वही हैं, जो उन्होंने 2005 में सत्ता संभालने के समय जारी किये थे. 2005 से लेकर 2020 तक नीतीश कुमार ने कानून-व्यवस्था पर दर्जनों बैठक की होगी, सभी बैठकों में लगभग यही बातें कही गईं थी. ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि मुख्यमंत्री को एक ही बात बार-बार क्यों दुहरानी पड रही है? जबकि व्यस्था वही है और अधिकारी भी कमोबेश उसी वक्त से काम कर रहे हैं. फिर अपराधियों के हौसले बुलन्द कैसे हो गये?