बिहार के सीमांचल में ओवैसी के बढ़ते प्रभाव से घबराए तेजस्वी यादव, मुस्लिम वोटों को अपने पाले में रखने की कर रहे कोशिश

By एस पी सिन्हा | Published: January 17, 2020 06:27 PM2020-01-17T18:27:03+5:302020-01-17T18:27:03+5:30

सीएए व एनआरसी के खिलाफ तेजस्‍वी यादव की सीमांचल से हो रही यात्रा अपने मुस्लिम वोट बैंक पर अपनी पकड़ बनाये रखने के नजरिये से देखा जाने लगा है. सीमांचल राजद व कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन वहां ओवैसी की पैठ बढ़ती जा रही है. 

Tejashwi Yadav scared of asaduddin Owaisi's party in Bihar Seemanchal, Muslim votes AIMIM | बिहार के सीमांचल में ओवैसी के बढ़ते प्रभाव से घबराए तेजस्वी यादव, मुस्लिम वोटों को अपने पाले में रखने की कर रहे कोशिश

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Highlightsबिहार के सीमांचल में इलाके में अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए तेजस्वी यादव पोल खोल यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. ओवैसी का कद बढ़ने से राजद व कांग्रेस में परेशानी बढ़ गई है.

बिहार के सीमांचल में इलाके में अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए तेजस्वी यादव पोल खोल यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. दरअसल, राजद और कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले सीमांचल इलाके में इन दिनों ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने दस्तक दे दी है. उनकी पार्टी ने एक विधानसभा सीट पर कब्जा भी कर लिया है. ऐसे में यह माना जा रहा है ओवैसी ने यहां राजद और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी कर दी है.

इस तरह से ओवैसी का कद बढ़ने से राजद व कांग्रेस में परेशानी बढ़ गई है. राजद ने इसे गंभीरता से लिया है. यही कारण है कि नागरिकता संशोधन कानून व राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर के खिलाफ तेजस्‍वी यादव की पोल खोल यात्रा सीमांचल से ही शुरू की गई है. कारण कि बिहार की राजनीति में खासकर मुस्लिम बहुल सीमांचल में सीएए व एनआरसी का मुद्दा बड़ा गंभीर विषय बनता जा रहा है. 

उधर, भाजपा इसे हर हाल में लागू करना चाहती है. लेकिन राजद व कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इसके खिलाफ हैं. इस मुद्दे पर राजग में भाजपा की सहयोगी जदयू भी बिहार में एनअरसी का विरोध करने की बात कह चुकी है. ऐसे में सभी दल अपने वोट बैंक को सहेजने में जुट गए हैं. 

सीएए व एनआरसी के खिलाफ तेजस्‍वी यादव की सीमांचल से हो रही यात्रा अपने मुस्लिम वोट बैंक पर अपनी पकड़ बनाये रखने के नजरिये से देखा जाने लगा है. सीमांचल राजद व कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन वहां ओवैसी की पैठ बढ़ती जा रही है. 

अभी विधानसभा उपचुनाव में एआईएमआईएम ने किशनगंज की उस मुस्लिम बहुल सीट को झटक कर चौंका दिया था, जिसपर कांग्रेस का कब्जा रहा था. यही नही ओवैसी लगातार सीमांचल का दौरा कर मुस्लिम मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने में जुटे हुए हैं.

यहां उल्लेखनीय है कि किशनगंज में 70 फीसद मुस्लिम आबादी है. वहां से एआईएमआईएम के कमरूल होदा ने भाजपा की स्‍वीटी सिंह को करीब 10 हजार वोटों के छोटे अंतर से पराजित किया. जबकि राजद व कांग्रेस के गढ़ रहे इस विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्‍याशी का स्‍थान तीसरे नंबर पर रहा. राजद के समर्थन के बावजूद कांग्रेस का यह हाल महागठबंधन के लिए बुरे संकेत हैं. 

यही नहीं गत लोकसभा चुनाव में भी किशनगंज से महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्‍याशी मो. जावेद की एनडीए के जदयू प्रत्‍याशी महमूद अशरफ से कांटे की टक्‍कर हुई, जिसमें कांग्रेस प्रत्‍याशी की करीब 34 हजार वोटों से जीत हुई. ऐसे में अब ओवैसी की की नजर मुस्लिम बहुल सीमांचल के अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार पर है. वे मुस्लिम जनभावना उभारना बखूबी जानते हैं. 

इस बीच उन्‍हें सीएए व एनआरसी जैसा मुसलमानों से जुड़ा बड़ा मुद्दा भी मिल गया है. ऐसे में आश्‍चर्य नहीं कि एआईएमआईएम ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. इससे राजद व कांग्रेस की नींद उड़ गई है. 

वहीं, सीमांचल में ओवैसी अपनी स्थिति लगातार मजबूत बनाते जा रहे हैं. इससे मुस्लिम वोट बैंक में हो रहे विभाजन से राजद व कांग्रेस को बडा नुकसान होने की संभावना जताई जाने लगी है. ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि सीएए और एनआरसी के विरोध में तेजस्वी यादव की यात्रा सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी की पैठ को रोकने की भी कोशिश होगी. लेकिन यह कहां तक अपने वोट बैंक पर पकड़ बनाये रखने में सफल होते हैं, यह चुनाव के वक्त हीं पता चलेगा. लेकिन राजद और कांग्रेस में इसको लेकर बेचैनी बढ़ती जा रही है.

Web Title: Tejashwi Yadav scared of asaduddin Owaisi's party in Bihar Seemanchal, Muslim votes AIMIM

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