Bihar: अग्निपथ योजना के विरोध में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के नेताओं ने निकाला राजभवन तक मार्च
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 22, 2022 04:29 PM2022-06-22T16:29:39+5:302022-06-22T16:32:34+5:30
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार अग्निपथ योजना को वापस नहीं लेगी तो वे लोग दिल्ली में राष्ट्रपति भवन मार्च निकालेंगे।

Bihar: अग्निपथ योजना के विरोध में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के नेताओं ने निकाला राजभवन तक मार्च
पटना: अग्निपथ योजना के विरोध में आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन के द्वारा विरोध मार्च निकाला गया। इस दौरान राजद एवं भाकपा- माले समेत सभी वामपंथी नेताओं ने विधानसभा से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च किया। हालांकि, कांग्रेस ने इस मार्च से दूरी बना ली। इस दौरान तेजस्वी के नेतृत्व में 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपना ज्ञापन सौंपा।
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार अग्निपथ योजना को वापस नहीं लेगी तो वे लोग दिल्ली में राष्ट्रपति भवन मार्च निकालेंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश के युवा इस योजना से आक्रोशित है। इस योजना से 75 फीसदी युवाओं के बेरोजगार होने की सम्भावना है। सेना से निकलने के बाद युवा क्या करेंगे? यह सबसे ज्यादा चिंता का विषय है।
तेजस्वी ने केंद्र सरकार से तत्काल अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की है। साथ ही अग्निपथ के विरोध के दौरान बिहार में गिरफ्तार किए गए सभी आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना देश हित में नहीं है। तेजस्वी ने छात्रों पर दर्ज हुए प्राथमिकी को वापस लेने की मांग की। इस दौरान तेजस्वी ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुप्पी साधने पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर हमने सरकार से 20 सवाल पूछे थे, जिसका अब तक जबाव नही आया है। उन्होंने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसको लेकर हमने सुना है कि इस योजना को लेकर कई सालों से चर्चा चल रही थी। लेकिन 30-35 सालों से इसको लॉन्च नहीं किया गया। इसका मतलब है कि अग्निपथ योजना में कुछ दिक्कते रही होंगी। उन्होंने कहा कि इसबार भी ऐलान से पहले 3 बार संसोधन किया गया। इससे यह स्पष्ट है कि यह कानून युवाओं के लिए ठीक नही है।
उन्होंने कहा कि यह योजना तत्काल बंद होनी चाहिए। यह भाजपा और आरएसएस का हिडन एजेंडा है। वहीं अग्निपथ के खिलाफ युवाओं का आंदोलन शांत होने के बावजूद राजभवन मार्च पर तेजस्वी ने सफाई दी कि हिंसा शांत हो गया, इसका मतलब यह नही कि विरोध शांत हो गया। हिंसा ही विरोध प्रदर्शन नहीं होता है। आज सरकार कह रही है, चार साल के बाद 14 लाख देंगे। 14 लाख देकर क्या एहसान करेंगे?
तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा के नेता कहते हैं कि अग्निपथ योजना में सेवा समाप्त करने के बाद 12 लाख रुपया दिया जायेगा। युवा देश सेवा के लिए सेना में जानते हैं, युवा शहीद होते हैं। लेकिन सरकार उनकी शहादत को पैसे से तौल रही है। ये शर्मनाक बात है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कहते हैं कि रिटायर्मेंट के बाद पार्टी कार्यालय में रख लेंगे। ये युवाओ के साथ मजाक है। भाजपा का चेहरा सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अपने बच्चों को अग्निवीर बनाएं। हम 24 लाख देंगे और राजद कार्यालय में रख लेंगे।
तेजस्वी ने अग्निपथ की खामियां गिनाते हुए कहा कि सरकार ग्रैजुअटी का पैसा बचाना चाहती है। ऐसी योजनाओं से देशभक्ति की भावना नहीं आएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विरोध करना है तो नीतीश खुलकर विरोध करें। वहीं, अग्निपथ योजना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की।
उन्होंने कहा कि केंद्र के नीतियों के कारण आज सभी जगह यह हाल है। केंद्र सरकार की ओर से युवाओं को नौकरी के बदले परेशान किया जा रहा है। राबड़ी देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आग लगाने का काम किया है और इसके लिए देश के युवा उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। जनता ने उन्हें सरकार चलाने के लिए सत्ता सौंपा है, लेकिन वे देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस मार्च में तेजस्वी के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव समेत राजद एवं वामपंथी दलों के लगभग सभी विधायक, विधान पार्षद और पार्टी के नेता शामिल हुए।
यहां बता दें कि सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना का बिहार में जमकर विरोध हो रहा है। पिछले एक हफ्ते में राज्यभर में अभ्यर्थियों ने हिंसक प्रदर्शन किए। उपद्रव के चलते बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। खासकर ट्रेनों और स्टेशनों पर आगजनी और तोड़फोड़ से रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।