तेजस्वी यादव ने लगाया नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप, कहा- नाबालिग से बलात्कार के आरोपी डीएसपी को बचा रहे हैं सीएम
By एस पी सिन्हा | Published: June 7, 2021 07:02 PM2021-06-07T19:02:39+5:302021-06-07T19:08:23+5:30
बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही तेजस्वी ने नीतीश पर आरोपी डीएसपी को बचाने का आरोप भी लगाया है।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर से हमला बोला है। उन्होंने आज नीतीश कुमार पर एक के बाद एक कई आरोप लगाए हैं। तेजस्वी यादव दलित नाबालिग लडकी के साथ बलात्कार के आरोपी डीएसपी को लेकर हमलावर दिखे। डीएसपी पर नाबालिग दलित लडकी के साथ दुष्कर्म और सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगा है। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसे लोगों को सरकार क्यों बचा रही है?
तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर एक पोस्ट साझा की है, जिसमें लिखा है कि आखिर क्यों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक डीएसपी जिस पर नाबालिग दलित लडकी के बलात्कार के साथ साथ केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) में भी भारी धांधली करने के आरोप हैं, को बचा रहे हैं? यह डीएसपी केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष का ओएसडी रहा है। इस डीएसपी और चयन पर्षद के अध्यक्ष का क्या संबंध रहा है, यह पूरा प्रशासन और पुलिस महकमा जानता है।
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के विवादित अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का क्या, कैसा और कब से कौन सा संबंध है यह भी सर्वविदित है। वही ट्वीट के माध्यम से तेजस्वी ने सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा कि "बिहार के मुख्यमंत्री, केंद्रीय चयन पर्षद(सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी व उनके ओएसडी बलात्कारी डीएसपी के अनैतिक गठजोड ने दलित महिला के साथ-साथ बिहार के लाखों युवाओं का जीवन चौपट कर दिया है। किस मजबूरी के तहत सेवानिवृत्ति के बाद भी मुख्यमंत्री ऐसे लोगों को उपकृत कर रहे हैं?"
फेसबुक पेज पर तेजस्वी ने यह भी लिखा है कि डीएसपी ने एक दलित नाबालिग का बलात्कार किया और सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली की। यह आरोप खुद उनकी पत्नी ने सबूत सहित मीडिया के समक्ष रखा। ऐसी क्या मजबूरी है कि आरोपी की गिरफ्तारी तो दूर निष्पक्ष जांच को भी बाधित किया जा रहा है। प्राथमिकी दर्ज करने में जानबुझ कर देरी की गई। इस अधिकारी के विरुद्ध जांच और गिरफ्तारी होने से प्रत्यक्ष रूप से बिहार के पूर्व डीजीपी और वर्तमान केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष बचा रहे हैं।
मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस विभाग अब इस भ्रष्ट और व्याभिचारी अधिकारी पर दिखावटी कार्यवाही कर रहा है। बिहार का हर अभिभावक और अभ्यर्थी जानता है कि नीतीश कुमार और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के संरक्षण, निर्देश और शह पर केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष ने अपने इस ओएसडी के साथ मिलकर व्यापक पैमाने पर सिपाही भर्ती में धांधली और घोटाले को अंजाम दिया है। 2017 ड्राइवर (सिपाही भर्ती) में भी क्या-क्या गुल खिलाए गए यह कौन नहीं जानता?
नेता प्रतिपक्ष ने लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चयन प्रक्रिया की बागडोर अगर ऐसे ही लोगों के हाथ में देकर जाति और पैसे के आधार पर अक्षम लोगों की नियुक्ति जारी रखेंगे तो यकीन मानिए पहले से ही बदहाल बिहार पुलिस की कार्यक्षमता और अधिक प्रभावित होगी। हमारी मांग है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ऐसे लोगों को तुरंत हटाया जाए। क्या जिले और जात के लोगों के अलावा चढावे का हिस्सा भी मजबूरी है, जो नीतीश कुमार उन्हें पद पर बनाए हुए है?
हरेक भर्ती और चयन प्रक्रिया का कमोबेश यही हाल है। मुख्यमंत्री को ऐसा क्या लालच और फायदा है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी वो ऐसे लोगों को बडे पद देकर उपकृत कर रहे है? मुख्यमंत्री जवाब दें? उन्होंने कहा कि चयन पर्षद के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे व्यक्ति ने भष्ट्राचार में लिप्ट होकर बिहार के लाखों युवाओं की जिन्दगी चौपट कर दी है। वही योग्य, सक्षमऔर प्रतिभाशाली युवा नौकरी से वंचित रह जाते है। तेजस्वी यादव ने सरकार से यह मांग की है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ऐसे लोगों को तुरंत हटाया जाए और आरोपी पर कार्रवाई की जाए जिससे पीडित बच्ची को न्याय मिल सके।