तेजप्रताप अब बने गौ सेवक, किया ट्वीट- हम कृष्ण के वंशज, पापियों के विनाश के लिए ही हमारा जन्म होता है
By एस पी सिन्हा | Published: January 25, 2020 06:27 AM2020-01-25T06:27:58+5:302020-01-25T06:27:58+5:30
तेजप्रताप यादव ने गाय को दुहते हुए एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया है कि 'हम कृष्ण के वंशज हैं, पापियों के विनाश के लिए हीं हमारा जन्म होता है! किसी को संदेह है, तो कंस और कौरवों का इतिहास पढ़ ले. हम ढकोसला नहीं करते, उनके जैसे ढोंगी नहीं हैं हम. बातें चाहे विकास की हो या विचार की. जो कहता हूं, वो करता हूं, जो करता हूं, वो कहता हूं.'
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक को लेकर तो चर्चा में हैं ही, अपने अंदाजों से भी चर्चा में बने रहते हैं. कभी वो भगवान शिव का रूप धारण कर लेते हैं तो कभी कन्हैया बन बंशी बजाने लगते हैं. इस बार तेजप्रताप ने ग्वाले का भेष धारण कर गाय का दूध दुहते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं, तेजप्रताप ने कहा है कि उन्होंने ये विधा पिता लालू यादव से सीखी है.
तेज प्रताप यादव एक बार फिर ट्वीट कर विरोधियों पर हमला बोला है. साथ ही गौ सेवा करते एक वीडियो भी उन्होंने साझा किया है. इस बार वह दूध दुहते हुए ग्वाला के रूप में सामने आये हैं. विरोधियों पर हमला बोलते हुए तेजप्रताप यादव ने कृष्ष्ण का वंशज बताते हुए कहा है कि पापियों के विनाश के लिए ही हमारा जन्म होता है. साथ ही कहा है कि हम ढकोसला नहीं करते, जो कहते हैं, वो करते हैं, जो करते हैं, वो कहते हैं.
तेजप्रताप यादव ने गाय को दुहते हुए एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया है कि 'हम कृष्ण के वंशज हैं, पापियों के विनाश के लिए हीं हमारा जन्म होता है! किसी को संदेह है, तो कंस और कौरवों का इतिहास पढ़ ले. हम ढकोसला नहीं करते, उनके जैसे ढोंगी नहीं हैं हम. बातें चाहे विकास की हो या विचार की. जो कहता हूं, वो करता हूं, जो करता हूं, वो कहता हूं.'
वहीं, तेजप्रताप ने बताया कि उन्होंने अपनी गाय का नाम सुरभि रखा है और खुद उसकी पूरी देखभाल किया करते हैं. तेजप्रताप ने कहा कि आप सबको मालूम होगा कि हम तो ग्वाले हैं, भगवान कृष्ण के वंशज हैं तो फिर इस काम में शर्म क्यों और कैसी? भगवान कृष्ण भी खुद गाय का दूध निकालते थे. उन्होंने बताया कि मेरे पिता लालू यादव भी गाय की इसी तरह से सेवा करते थे, यह सब हमने उनसे ही सीखा है. उन्होंने बताया कि हम हर दिन गाय माता सुरभि का दूध निकालते हैं और फिर इसे पीकर तंदुरुस्त रहते हैं. साथ ही उन्होंने चुनाव की बात पर चुटकी लेते हुए कहा कि- आखिर 2020 की लड़ाई में भी तो जाना है तो तंदुरुस्त रहना भी तो जरूरी है.
यहां बता दें कि तेजप्रताप को गाय पालने के साथ ही घुड़सवारी और घोड़ा पालने का भी शौक है. उन्होंने अपने घोडे का नाम भी महाराणा प्रताप के घोड़े के नाम पर चेतक ही रखा है ओर वे अपनी गाय सुरभि की तरह उसकी भी पूरी देखभाल खुद किया करते हैं. इसके लिए वे कहते रहते हैं कि इसी चेतक की सवारी कर वो अपने अर्जुन यानि अपने छोटे भाई तेजस्वी को 2020 के रण में जीत दिलाएंगे और इसके सारथी बनेंगे.
उल्लेखनीय है कि तेजप्रताप सावन महीने में भभूती लगाकर भगवान शिव का रूप धारण कर लेते हैं तो कभी कृष्ण भक्त के रूप में वंशी बजाते और गौशाले में गायों के बीच देखे जाते हैं. कभी वो जिम में कसरत करते नजर आते हैं तो कभी मॉडर्न वेश में गॉगल्स लगाकर खरीदारी करते भी नजर आ जाते हें.