UP Ki Taja Khabar: लखनऊ में लॉकडाउन के दौरान हजारों भूखे परिवारों की राहत का जरिया बना तेज बहादुर का ई-रिक्शॉ

By भाषा | Published: April 8, 2020 03:00 PM2020-04-08T15:00:50+5:302020-04-08T15:03:20+5:30

अपनी दिव्यांग पत्नी और दो छोटे बच्चों के लिये खाने को कुछ नहीं रह गया तो वह 27 मार्च को मजबूरन गोमती नगर विस्तार क्षेत्र में स्थित कम्युनिटी किचन पहुंचे थे। यहीं से लोगों की मदद करने का विचार मन में आया और वह अपने काम में लग गया।

Tej Bahadur's e-rickshaw became a source of relief for thousands of hungry families during lockdown in Lucknow | UP Ki Taja Khabar: लखनऊ में लॉकडाउन के दौरान हजारों भूखे परिवारों की राहत का जरिया बना तेज बहादुर का ई-रिक्शॉ

दिव्यांग तेज बहादुर दूसरों की मदद कर रहा है (सांकेतिक तस्वीर)

Highlightsगोमती नगर एक्सटेंशन महासमिति के सचिव उमा शंकर दुबे ने बताया कि तेज बहादुर यादव को एक पैर पर खड़ा देखकर मैंने सोचा कि वह कुछ और फूड पैकेट चाहते हैं।इसके आगे उमा शंकर दुबे ने बताया कि तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह इस मुश्किल वक्त में समाज के लिये कुछ करना चाहते हैं और इस सेवा के एवज में कुछ नहीं लेंगे।

लखनऊ: कोरोना महामारी के मद्देनजर घोषित लॉकडाउन के दौरान राजधानी लखनऊ में भुखमरी की कगार पर पहुंचा एक दिव्यांग अब अनेक भूखे परिवारों के लिये राहत की वजह बन चुका है। पैरों से मजबूर 36 वर्षीय तेज बहादुर यादव की रोजीरोटी ई—रिक्शा से चलती थी, मगर लॉकडाउन ने उसके पहियों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी।

मुफलिसी ने उन्हें कम्युनिटी किचन तक पहुंचाया। वहां से मिली मदद से बुझी पेट की आग ने उनके अंदर अपने ही जैसे और लोगों की मदद का जज्बा पैदा किया। यादव ने बुधवार को 'पीटीआई—भाषा' से बातचीत में कहा कि 21 मार्च से घोषित लॉक डाउन के शुरुआती चार—पांच दिन तो घर में रखे कुछ पैसों से गुजरे लेकिन उसके बाद भुखमरी की नौबत आ गयी।

अपनी दिव्यांग पत्नी और दो छोटे बच्चों के लिये खाने को कुछ नहीं रह गया तो वह 27 मार्च को मजबूरन गोमती नगर विस्तार क्षेत्र में स्थित कम्युनिटी किचन पहुंचे। यादव ने बताया कि वहां दूर—दूर से आये उनके जैसे ही लोग भोजन लेकर जा रहे थे। यह देखकर उनकी आंखें भर आयीं और उन्होंने वैसे लोगों की मदद की ठानी।

इरादा किया कि ले—देकर उनके पास जो ई—रिक्शा है, उसे वह ऐसे लोगों की मदद के लिये समर्पित करेंगे। कम्युनिटी किचन की संचालन संस्था गोमती नगर एक्सटेंशन महासमिति के सचिव उमा शंकर दुबे ने बताया कि यादव को एक पैर पर खड़ा देखकर मैंने सोचा कि वह कुछ और फूड पैकेट चाहते हैं। मगर उन्होंने अन्य गरीबों तक भोजन पहुंचाने में मदद करने की इच्छा जतायी। यादव ने बताया कि वह ई—रिक्शा चलाते हैं और भोजन वितरण में मदद कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यादव ने कहा कि वह इस मुश्किल वक्त में समाज के लिये कुछ करना चाहते हैं और इस सेवा के एवज में कुछ नहीं लेंगे।

उसके बाद से यादव रोज पूर्वाह्न 10 बजे कम्युनिटी किचन पहुंच जाते हैं और जरूरतमंद लोगों तक फूड पैकेट पहुंचाते हैं। वह वक्त के पाबंद और अपने काम के प्रति बेहद ईमानदार शख्स हैं। दुबे ने कहा कि यादव हमारे समाज के लिये एक प्रेरणा हैं। हमें अपने समाज के लिये वह सब कुछ करना चाहिये, जो हम कर सकते हैं। मूल रूप से बाराबंकी के रहने वाले यादव ने कहा कि वह रोजाना करीब 1500 फूड पैकेट ले जाते हैं और गरीबों में बांटते हैं। इससे उन्हें इंतहाई सुकून मिलता है। भाषा सलीम शाहिद शाहिद

Web Title: Tej Bahadur's e-rickshaw became a source of relief for thousands of hungry families during lockdown in Lucknow

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