महिला अफसर ने प्रशासनिक व्यवस्था पर उठाए सवाल, बताया ट्रेनिंग में सिखाई जाती है चाटुकारिता

By राजेंद्र पाराशर | Published: August 13, 2019 05:40 AM2019-08-13T05:40:17+5:302019-08-13T05:40:17+5:30

अमिता सिंह की यह पोस्ट आज जब चर्चा में आई तो उन्होंने एक और पोस्ट कर कहा कि 16 साल में 10 जिले और 28 तहसील का सफर हो चुका है। अभी भी सफर चल रहा है और आगे भी चलता ही रहेगा !! मुसाफिर हूं यारों !!

tehsildar of Madhya Pradesh sheopur amita singh controversial post on social media said the whole system is corrupt | महिला अफसर ने प्रशासनिक व्यवस्था पर उठाए सवाल, बताया ट्रेनिंग में सिखाई जाती है चाटुकारिता

फाइल फोटो

Highlightsपोस्ट में अमिता सिंह ने श्योपुर कलेक्टर के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाए.उन्होंने लिखा कि वरिष्ठ तहसीलदारों को हटाकर नए तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को मुख्यालय में पदस्थ किया जा रहा है.


मध्यप्रदेश के श्योपुर में पदस्थ तहसीलदार अमिता सिंह फिर से सुर्खियों में हैं. इस महिला अफसर ने प्रशासनिक व्यवस्था पर उंगली उठाई है. उन्होंने अपने पोस्ट में नायब तहसीलदारों को चाटुकार और भ्रष्ट बताया है. उन्होंने लिखा है कि अकादमी में कार्य के प्रति निष्ठा नहीं, बल्कि चाटुकारिता और भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग दी जाती है.

मध्यप्रदेश के श्योपुर की तहसीलदार अमिता सिंह ने फेसबुक पर 'चाटुकारिता और भ्रष्टाचार बनाम शासकीय सेवा' शीर्षक से लिखी अपनी पोस्ट में नायब तहसीलदारों को भ्रष्ट कहा. उन्होंने लिखा कि ऐसी व्यवस्था से घिन आती है. 

अपनी पोस्ट में अमिता सिंह ने श्योपुर कलेक्टर के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने साफ लिखा कि हम जैसे वरिष्ठ तहसीलदारों को परे हटाकर नए तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को मुख्यालय में पदस्थ किया जा रहा है. अमिता सिंह लिखती हैं कि वरिष्ठ अधिकारी ऐसे तहसीलदार और नायब तहतीलदारों को अपनी गाड़ी में बैठाकर घूमते हैं. 

उन्होंने लिखा है कि सारे प्रदेश के जिलों में देख लीजिए तहसीलदार होते हुए भी नायब तहसीलदार को कहीं मुख्यालय का प्रभार दिया गया है कहीं बड़ी तहसीलों का प्रभार और ये हालात हैं कि तहसीलदारों को दरकीनार कर वरिष्ठ अधिकारी सीधे इन छोटे प्रभावशाली अधिकारी से बात करते हैं. सारे नियम कायदे ताक पर रख कर इनको ही प्राथमिकता दी जा रही है, पता है क्यों ? क्योंकि ये ट्रेनिंग में वरिष्ठों को पटाने की कला और चाटुकारिता सीखकर आए हैं, इसमें पारंगत है, काम से कोई लेना देना नहीं, क्योंकि वरिष्ठतम साहिब खुश तो किसी शिकवा शिकायत पर किसी तरह की कार्यवाही होने का डर ही नहीं है ! 

उन्होंने लिखा है कि हम लोगों ने अकादमी में जो ट्रेनिंग की थी वो विभागीय परीक्षा के लिए और काम करने की क्षमता बढ़ाने के लिए की थी पर पिछले 2-3 नायब तहसीलदारों के बैच को अपने साथ काम करते देख कर लगता है कि अकादमी में अब कार्य के प्रति निष्ठा और अनुशासन की ट्रेनिंग नहीं चाटुकारिता और भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग दी जा रही है.

अमिता सिंह की यह पोस्ट आज जब चर्चा में आई तो उन्होंने एक और पोस्ट कर कहा कि 16 साल में 10 जिले और 28 तहसील का सफर हो चुका है। अभी भी सफर चल रहा है और आगे भी चलता ही रहेगा !! मुसाफिर हूं यारों !!

कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख जीतकर चर्चा में आई
श्योपुर तहसीलदार अमिता सिंह तब चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने 2011 में कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन के साथ हाट सीट पर बैठी थीं और 50 लाख रुपए जीते थे. अमिताभ बच्चन के साथ कौन-बनेगा करोड़पति का उनका खेल भी दिलचस्प और हंसी के हल्के-फुल्के सवालों से भरपूर रहा था.

Web Title: tehsildar of Madhya Pradesh sheopur amita singh controversial post on social media said the whole system is corrupt

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