बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षक हाजिरी के नाम पर कर रहे हैं बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, घर बैठे बना दे रहे हैं हाजिरी
By एस पी सिन्हा | Updated: May 19, 2025 17:40 IST2025-05-19T17:40:36+5:302025-05-19T17:40:42+5:30
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा नियमों को सख्त किए जाने के बावजूद शिक्षक नए-नए हथकंडे अपनाकर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जिला शिक्षा कार्यालय को मिली शिकायतों में यह बात सामने आई है कि कुछ मामलों में महिला शिक्षिका की जगह पुरुष कर्मचारी उनकी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।

बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षक हाजिरी के नाम पर कर रहे हैं बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, घर बैठे बना दे रहे हैं हाजिरी
पटना:बिहार की राजधानी पटना जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षक हाजिरी के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होने का मामला सामने आया है। शिक्षक अब अपनी पर्सनल यूजर आईडी की जगह विद्यालय की यूजर आईडी का इस्तेमाल कर फर्जी हाजिरी दर्ज कर रहे हैं। दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा नियमों को सख्त किए जाने के बावजूद शिक्षक नए-नए हथकंडे अपनाकर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जिला शिक्षा कार्यालय को मिली शिकायतों में यह बात सामने आई है कि कुछ मामलों में महिला शिक्षिका की जगह पुरुष कर्मचारी उनकी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
इसके अलावा टोला सेवक, तालिमी मरकज, रसोइया जैसे स्कूल कर्मी इस कार्य के लिए पैसे लेकर शिक्षक की फोटो को मोबाइल कैमरे के सामने रखकर उपस्थिति दर्ज कर देते हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कुछ शिक्षक ‘मार्क ऑन ड्यूटी’ दिखाकर स्कूल से गायब रहते हैं और किसी और से अपनी हाजिरी लगवाते हैं।
विभाग ने अब इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। जिला शिक्षा कार्यालय की जांच में सामने आया है कि करीब एक हजार से अधिक शिक्षक इस घोटाले में संलिप्त हैं, जो पर्सनल आईडी का इस्तेमाल करने में असमर्थता या सुविधा के चलते स्कूल आईडी का गलत तरीके से इस्तेमाल कर उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। इससे वे स्कूल से लंबे समय तक गैरहाजिर रहने के बावजूद अपनी हाजिरी पूरी दिखा पा रहे हैं।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि कई शिक्षक पूरे महीने में केवल 10 दिनों की ‘इन’ उपस्थिति दर्ज कराते हैं, जबकि बाकी दिन केवल ‘आउट’ सेल्फी के जरिए उपस्थिति दिखाई जाती है। इससे साफ पता चलता है कि शिक्षक बिना स्कूल आए भी उपस्थिति के आंकड़ों को दुरुपयोग कर रहे हैं। इस तरह की धोखाधड़ी से न केवल शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि छात्रों के भविष्य पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है।
ऐसे शिक्षकों के खिलाफ विभाग अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा, जिसमें निलंबन, वेतन रोकने और सेवा समाप्ति तक के कदम शामिल हो सकते हैं। शिक्षा अधिकारी स्पष्ट कर चुके हैं कि हाजिरी में गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।