बिहार में शिक्षिकाओं को करना पड़ रहा है संकटों का सामना, स्थानांतरण फार्म में न तो ससुराल और न ही मायके जाने का विकल्प

By एस पी सिन्हा | Published: November 11, 2024 03:11 PM2024-11-11T15:11:14+5:302024-11-11T15:11:14+5:30

दरअसल, शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए आवेदन करने पर महिलाओं को अपने पति के गृह जिले का विकल्प भरना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं स्थानांतरण के लिए दोनों महिला और पुरुष शिक्षकों को इन पंचायतों या अनुमंडलों का विकल्प नहीं मिल रहा है।

Teachers in Bihar are facing problems, there is no option of going to in-laws' house or parents' house in the transfer form | बिहार में शिक्षिकाओं को करना पड़ रहा है संकटों का सामना, स्थानांतरण फार्म में न तो ससुराल और न ही मायके जाने का विकल्प

बिहार में शिक्षिकाओं को करना पड़ रहा है संकटों का सामना, स्थानांतरण फार्म में न तो ससुराल और न ही मायके जाने का विकल्प

पटना:बिहार में शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर ऑनलाइन फार्म भर रहे हैं। लेकिन, यहां सबसे अधिक समस्या महिला शिक्षकों को हो रही है। इनको न तो मायके में स्थानांतरण करवाने का ऑप्शन मिल रहा है और न ही ससुराल में ही पोस्टिंग करवाने का ही कोई विकल्प मिल रहा है। उन्हें नौकरी के लिए बाहर जाना होगा। 

दरअसल, शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए आवेदन करने पर महिलाओं को अपने पति के गृह जिले का विकल्प भरना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं स्थानांतरण के लिए दोनों महिला और पुरुष शिक्षकों को इन पंचायतों या अनुमंडलों का विकल्प नहीं मिल रहा है।

ऐसे में बिहार में सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की पीड़ा इसे लेकर फूट पड़ी है। कई महिलाएं शादी के बाद भी अपने मायके में ही रहकर नौकरी करती हैं। नए नियम के कारण उन्हें अपने मायके से दूर जाना पड़ेगा। कई महिलाएं मायके में रहकर नौकरी कर रही हैं जो अपने पति के घर जाकर नौकरी करना चाहती हैं। 

अब उन्हें फिर ससुराल जाने का मौका नहीं मिलता दिख रहा है। बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी महिलाएं चिंतित हैं। महिला शिक्षकों का कहना है कि उनका वनवास फिर खत्म नहीं होगा। बता दें कि, महिला शिक्षिकाओं को स्थानांतरण के विकल्प में पंचायत, नगर निकाय का विकल्प दिया गया है मगर वे स्वयं की और पति की गृह पंचायत या नगर निकाय का स्कूल विकल्प के तौर पर नहीं चुन सकती हैं। 

यही नहीं, वर्तमान में पदस्थापित पंचायत या नगर निकाय का विकल्प भी वे स्थानांतरण में नहीं दे सकतीं। यही शर्त पुरुष शिक्षकों पर भी लागू है कि वे गृह अनुमंडल या पत्नी का गृह अनुमंडल नहीं दे सकते हैं। ऐसे में शिक्षक संघों ने सरकार से मांग की है कि स्थानांतरण के नियमों में बदलाव किया जाए और शिक्षकों को अपने पसंद के जिले में स्थानांतरित होने की अनुमति दी जाए। 

हालांकि सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं ने कहा कि हमें 10 पंचायतों का विकल्प दिया गया है, मगर साथ ही यह भी आदेश है कि अगर इन 10 में रिक्ति नहीं हुई तो विभाग अपने अनुसार स्थानांतरण करेगा।

Web Title: Teachers in Bihar are facing problems, there is no option of going to in-laws' house or parents' house in the transfer form

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