7वें वेतन आयोग का एरियर्स देने के लिए बढ़ेंगे कर, वित्त मंत्री अजित पवार का संकेत, कर्जमाफी का भी बोझ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 14, 2020 04:27 AM2020-01-14T04:27:45+5:302020-01-14T04:27:45+5:30

पता चला सरकार 'ठन-ठन गोपाल' है और सातवें वेतन आयोग के शेष एरियर्स के लिए ही करीब 25 हजार करोड़ रु. की जरूरत है. इसके चलते वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री चिंता में हैं कि इतनी बड़ी राशि का प्रबंध कैसे किया जाए? वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने पवार को जो रास्ता सुझाया है, वह कर बढ़ाकर राजस्व जुटाना है.

Tax will increase to give arrears of 7th Pay Commission, hint of Finance Minister Ajit Pawar, debt waiver burden too | 7वें वेतन आयोग का एरियर्स देने के लिए बढ़ेंगे कर, वित्त मंत्री अजित पवार का संकेत, कर्जमाफी का भी बोझ

केंद्र सरकार की ओर से मिलनेवाली जीएएसटी की क्षतिपूर्ति और आपदा प्रबंधन की राहत राशि मिलने में देर हो रही है.

Highlightsसातवें वेतन आयोग के शेष एरियर्स के लिए ही करीब 25 हजार करोड़ रु. की जरूरत हैसाढ़े छह लाख करोड़ रुपए के कर्ज से दबे राज्य के खजाने का हिसाब-किताब किया.

13 जनवरी क्या कर्जमाफी और सातवें वेतन आयोग का एरियर्स देने के लिए महाराष्ट्र सरकार बजट में नए कर प्रावधान करेगी? इस बात के संकेत आज तब मिले जब उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार ने साढ़े छह लाख करोड़ रुपए के कर्ज से दबे राज्य के खजाने का हिसाब-किताब किया.

पता चला सरकार 'ठन-ठन गोपाल' है और सातवें वेतन आयोग के शेष एरियर्स के लिए ही करीब 25 हजार करोड़ रु. की जरूरत है. इसके चलते वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री चिंता में हैं कि इतनी बड़ी राशि का प्रबंध कैसे किया जाए? वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने पवार को जो रास्ता सुझाया है, वह कर बढ़ाकर राजस्व जुटाना है.

वैसे भी केंद्र सरकार की ओर से मिलनेवाली जीएएसटी की क्षतिपूर्ति और आपदा प्रबंधन की राहत राशि मिलने में देर हो रही है.

क्यों आई ये नौबत

दरअसल, जब उपमुख्यमंत्री पवार ने वित्त मंत्रालय के कामकाज का जायजा लिया. तब यह बात सामने आई कि पिछले वर्ष पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन देना शुरू कर दिया था. लेकिन, आयोग की सिफारिशें पिछली तारीख से लागू की गई थीं. इस कारण चार साल के एरियर्स (वेतन के अंतर का बकाया) की राशि देना बाकी है.

यह भी पता चला कि राज्य की खराब माली हालत को देखते हुए पूर्ववर्ती फडनवीस सरकार ने अपने कर्मचारियों को वेतन आयोग लागू करने का वादा तो बार-बार किया. लेकिन, उसे लागू करने में जितनी देरी की जा सकती थी, उतनी की. आखिरकार पिछले वर्ष फरवरी माह में आयोग के अनुसार नया वेतन देना शुरू किया गया था.

हालांकि, इसे वर्ष 2016 से लागू किया गया था. उसी समय यह निर्णय किया गया था कि एरियर्स की राशि में आधी राशि भविष्यनिधि (पीएफ) में जमा कराई जाएगी और आधी राशि चरणबद्ध तरीके से नगद दी जाएगी. पिछले साल कर्मचारियों को दो चरणों में एरियर्स की कुछ राशि अदा की जा चुकी है. लेकिन, अब भी काफी बड़ी रकम का भुगतान करना बाकी है.

इतनी रकम कहां से आएगी?

अंदाजा है कि तीन से पांच चरणों में बकाया राशि वितरित की जाएगी. प्राथमिक आकलन के अनुसार सालभर में यदि समूची बकाया राशि का भुगतान करना है, तो 22 से 25 हजार करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी. मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार को इतनी बड़ी राशि का प्रबंध करना काफी मुश्किल है.

कर्जमाफी के लिए भी चाहिए धन महाराष्ट्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष से किसानों को कर्जमाफी देने का भी फैसला किया है. उसके लिए अलग राशि का प्रबंध करना होगा. वित्त मंत्रालय की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने पवार को एरियर्स की राशि की ओर ध्यान दिलाया. पवार ने सवाल करते हुए पूछा कि इतना पैसा कहां से जुटाया जाएगा?

अधिकारियों का सुझाव है कि कर बढ़ाकर राजस्व जुटाने के अलावा कोई चारा नहीं है. समझा जाता है कि अजित पवार ने जल्द ही राजस्व विभाग और मुद्रांक शुल्क विभाग (स्टैम्प ड्यूटी) की बैठक बुलाने के निर्देश् दिए है. इसके संकेत मिल रहे हैं कि राज्य सरकार के अधीन आने वाले करों की दर बढ़ाई जा सकती है.

Web Title: Tax will increase to give arrears of 7th Pay Commission, hint of Finance Minister Ajit Pawar, debt waiver burden too

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