भाजपा पर निशाना! वरुण गांधी ने कहा- बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या, इससे मुंह मोड़ना कपास से आग ढकने जैसा
By विनीत कुमार | Published: January 28, 2022 05:19 PM2022-01-28T17:19:34+5:302022-01-28T17:19:34+5:30
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर कहा है कि बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी समस्या है। इससे पहले भी वरुण गांधी कई बार अपनी ही पार्टी की सरकार के स्टैंड के अलग जाकर अपनी बात रखते रहे हैं।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर इशारों-इशारों में अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है। ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर उन्होंने लिखा कि देश में आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है।
वरुण गांधी ने लिख, 'देश में आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। स्थिति विकराल होती जा रही है। इससे मुंह मोड़ना कपास से आग ढकने जैसा है।' वरुण ने ये बातें उस समय लिखी हैं जब यूपी में योगी आदित्यनाथ की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार लाखों की संख्या रोजगार मुहैया कराने का दावा कर रही है।
देश में आज बेरोज़गारी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। स्थिति विकराल होती जा रही है। इससे मुंह मोड़ना कपास से आग ढकने जैसा है। pic.twitter.com/xR1E2O7pY1
— Varun Gandhi (@varungandhi80) January 28, 2022
कई मुद्दों पर पार्टी से अलग स्टैंड
वरुण गांधी ने इससे पहले हाल में इंडियन एक्सप्रेस पर भी बेरोजगारी के विषय पर लेख लिखा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस लेख को शेयर करते हुए कहा था कि विकास को लेकर काफी सारी बातें होने के बावजूद आंकड़े बताते हैं कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां बेरोजगारी बढ़ी है। वरुण गांधी ने साथ ही लिखा था कि राजनीतिक प्रसिद्धि से इतर नौकरी का सृजन कैसे किया जाए, इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में वरुण गांधी ने महंगाई और बेरोजगारी सहित विनिवेश को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा था कि सोचिये जब हर चीज बिकेगी तब देश का क्या होगा।
उन्होंने कहा, 'देश इस समय संकट में है, महंगाई आसमान छू रही है। बेरोजगारी तेजी से बढ़ती जा रही है। ऊपर से निजीकरण के नाम पर देश के महत्वपूर्ण संसाधनों को बेचा जा रहा है। सोचिये जब हर चीज बिकेगी तब देश का क्या होगा?' इससे पहले वरुण गांधी का स्टैंड किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर भी पार्टी से अलग नजर आया था। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में भी उन्होंने मुखर होकर किसानों को कुचले जाने की आलोचना की थी।