तमिलनाडु: पांच साल में दोगुनी हो गई हत्या के मामलों में आरोपी किशोरों की संख्या
By विशाल कुमार | Published: September 27, 2021 01:21 PM2021-09-27T13:21:42+5:302021-09-27T13:27:32+5:30
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में साल 2016 में हुई 1603 हत्याओं (3 फीसदी) में से 48 में किशोर अपराधी शामिल थे, जबकि 2020 में 1661 हत्याओं (6.3 फीसदी) में से 104 में किशोर अपराधी शामिल थे.
चेन्नई: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में 2016 से 2020 तक पांच वर्षों में हत्या के मामलों में दोगुने से अधिक किशोरों को आरोपी बनाया गया है. यह हाल तब है जबकि साल 2016 से राज्य में हर साल होने वाली मौतों की संख्या में कोई खास बढ़ोतरी नहीं दर्ज की गई.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016 में हुई 1603 हत्याओं (3 फीसदी) में से 48 में किशोर अपराधी शामिल थे, जबकि 2020 में 1661 हत्याओं (6.3 फीसदी) में से 104 में किशोर अपराधी शामिल थे.
तमिलनाडु में पिछले पांच वर्षों में हत्याओं में आरोपी के रूप में नाबालिगों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. जहां 2019 और 2020 के बीच राज्य में हत्याओं की कुल संख्या 1,745 से घटकर 1,661 हो गई, तो वहीं ऐसे मामले 92 से बढ़कर 104 हो गए जिसमें किशोरों को आरोपी बनाया गया.
वहीं, तमिलनाडु में किशोर आरोपियों की संख्या में हो रही यह चौंकाने वाली बढ़ोतरी राष्ट्रीय औसत के विपरित है. देशभर में हत्या के मामलों में किशोर आरोपियों की संख्या तीन फीसदी से कम है.
अधिक हत्या वाले राज्यों दिल्ली (12.1 फीसदी), गुजरात (6.7 फीसदी) और मध्य प्रदेश (6.4) में तमिलनाडु की तुलना में हत्या के मामले में किशोर आरोपियों की संख्या अधिक है, लेकिन तमिलनाडु एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पिछले पांच सालों में किशोर अपराधियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
एनसीआरबी के 2020 में भारत में अपराध के आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु के 16.4 फीसदी किशोर अपराध में लिप्त थे.