तमिलनाडु विधानसभा चुनावः पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा पर नकेल, आयोग ने लगाया प्रतिबंध, 48 घंटे नहीं कर सकेंगे प्रचार
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 1, 2021 02:35 PM2021-04-01T14:35:58+5:302021-04-01T14:37:26+5:30
Tamil Nadu Legislative Assembly Elections: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर भाजपा नेताओं राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ ने द्रमुक नेता ए. राजा पर निशाना साधा।
Tamil Nadu Legislative Assembly Elections: निर्वाचन आयोग (ईसी) ने चुनाव प्रचार के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर द्रमुक नेता ए राजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
निर्वाचन आयोग ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं द्रमुक के स्टार प्रचारक ए राजा को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए फटकार लगाई है। उनका नाम डीएमके के स्टार प्रचारक की सूची से हटा दिया और 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से उन्हें हटा दिया है। तमिलनाडु के सीएम और उनकी मां के बारे में टिप्पणी की थी।
EC reprimands DMK leader A Raja for violation of model code of conduct, delists his name from list of star campaigner of DMK & debars him from campaigning for 48 hrs with immediate effect upon not finding his reply regarding his remarks over Tamil Nadu CM&his mother,satisfactory. pic.twitter.com/6gosJewxUm
— ANI (@ANI) April 1, 2021
आयोग ने कहा कि ए राजा का जवाब संतोषजनक नहीं है। आयोग ने कहा कि जमीनी रिपोर्टों के आधार पर उसका मानना है कि "आपके भाषण की सामग्री न केवल अपमानजनक है, बल्कि अश्लील और महिलाओं के मातृत्व की गरिमा को भी कमतर करती है, यह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन प्रतीत होता है।’’
नोटिस में कहा गया है, "आयोग आपको इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए 31 मार्च को शाम छह बजे या उससे पहले का समय देता है, इसमें असफल रहने पर आयोग आपके बिना किसी और संदर्भ के फैसला करेगा।’’
नोटिस में कहा गया है कि चुनाव आयोग को अन्नाद्रमुक की ओर से राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के जरिए एक शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया गया है कि राजा ने 26 मार्च को थाउजेंड लाइट्स विधानसभा क्षेत्र में एक चुनाव कार्यक्रम के दौरान पलानीस्वामी के खिलाफ अपमानजनक एवं निंदनीय बयान दिया था।
नोटिस में कहा गया है कि द्रमुक सांसद के खिलाफ केंद्रीय अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता और जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत एक मामला दर्ज किया है। आयोग ने राजा द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ की गयी कुछ अन्य टिप्पणियों का भी जिक्र किया है।