'मैं ईसाई हूं, राष्ट्रीय ध्वज फहरा या उसे सैल्यूट नहीं कर सकती', तमिलनाडु के स्कूल में सामने आया विवाद, जानें पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: August 18, 2022 07:34 AM2022-08-18T07:34:59+5:302022-08-18T07:44:25+5:30
तमिलनाडु में एक सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापिका द्वारा राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रधानाध्यापिका ने कहा कि उनका धर्म ऐसा करने की इजाजत नहीं देता।
चेन्नई: तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में एक सरकारी स्कूल उस समय विवादों में घिर गया है जब स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और उसे 'सैल्यूट' करने से इनकार कर दिया। प्रधानाध्यापिका तमिलसेल्वी इस साल सेवानिवृत्त हो रही वाली हैं और बताया जा रहा है कि है कि उन्हें सम्मानित करने के लिए भी 15 अगस्त के जश्न को मनाने की विशेष व्यवस्था की गई थी।
इंडिया टुडे ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि प्रधानाध्यापिका के झंडा फहराने से मना करने के बाद सहायक प्रधानाध्यापिक ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। प्रधानाध्यापिका ने ये कहकर झंडा फहराने से इनकार किया की उनकी धार्मिक मान्यता ऐसा करने की इजाजत नहीं देती है।
तमिलसेल्वी ने रिकॉर्ड किए गए वीडियो में इस संबंध में तर्क दिया और कहा कि वह याकूबा ईसाई (Yakoba Christian) है और इसलिए ऐसा नहीं कर सकीं। उन्होंने वीडियो में कहा कि उनका मकसद राष्ट्रीय ध्वज को कोई नुकसान या अनादर करना नहीं है। उन्होंने कहा, 'हम केवल गॉड को सैल्यूट करते हैं और किसी को नहीं। हम ध्वज का सम्मान करते हैं लेकिन हम केवल गॉड को सैल्यूट करेंगे। इसलिए, हमने सहायक प्रधानाध्यापिका को झंडा फहराने के लिए कहा।'
बहरहाल, विवाद सामने आने के बाद इसने तूल पकड़ लिया है। ऐसे में मामले में जांच भी शुरू कर दी गई है। इस पूरे मामले से जुड़ी शिकायत धर्मपुरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) के पास पहुंची है। शिकायत में यह उल्लेख किया गया है कि प्रधानाध्यापिका ने पहले भी स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौकों पर छुट्टी ली थी और पिछले कई वर्षों में वह 15 अगस्त पर ऐसी छुट्टी बीमरी की बात कहते हुए लेते रही हैं।
तमिलसेल्वी पर एक सरकारी संस्थान में एक विशेष धर्म पर ज्यादा जोर देने और उसे अभ्यास करने का आरोप लगाया गया है। जिला के सीईओ को दी गई शिकायत में इसका भी उल्लेख किया गया है।