‘जुगाड़’ नाम से चर्चित वाहनों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई कीजिएः हाईकोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 25, 2019 12:56 PM2019-07-25T12:56:54+5:302019-07-25T12:56:54+5:30
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने एक जनहित याचिका पर दिल्ली पुलिस आयुक्त को यह निर्देश दिया। इस याचिका में आरोप लगाया गया कि जोड़तोड़ करके बनाए गए ‘जुगाड़’ वाहन पंजीकरण और बीमे के बिना सड़कों पर चल रहे हैं और इन्हें चलाने वाले ज्यादातर लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को पुलिस को निर्देश दिया है कि ‘जुगाड़’ नाम से चर्चित वाहनों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाए। ‘जुगाड़’ को विभिन्न वाहनों के अलग-अलग पुर्जे जोड़कर बनाया जाता है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने एक जनहित याचिका पर दिल्ली पुलिस आयुक्त को यह निर्देश दिया। इस याचिका में आरोप लगाया गया कि जोड़तोड़ करके बनाए गए ‘जुगाड़’ वाहन पंजीकरण और बीमे के बिना सड़कों पर चल रहे हैं और इन्हें चलाने वाले ज्यादातर लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता है।
इस निर्देश के साथ दिल्ली के निवासी शिव कुमार की याचिका का निपटारा किया गया। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि ‘जुगाड़’ को मोटर यान अधिनियम के दायरे में लाया गया है लेकिन उनके नियमन के लिए कोई दिशानिर्देश मौजूद नहीं हैं।
कुमार के वकील राजदीपा बेहुरा ने पीठ से कहा कि या तो ‘जुगाड़’ पर पाबंदी लगाई जाए या इनके नियमन के लिए दिशानिर्देश लाए जाएं, जैसा कि ई रिक्शों के मामले में किया गया है। केन्द्र सरकार के वकील रवि प्रकाश और परिवहन मंत्रालय की ओर से पेश फरमान अली मागरे ने अदालत को बताया कि वह उच्चतम न्यायालय के मई 2013 के उस निर्देश का अनुपालन कर रहा है जिसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि ‘जुगाड़’ को कानून की जरूरतों का पालन किये बिना चलने की अनुमति नहीं दी जाए।