प्रदूषण के बढ़ने की आशंका के मद्देनजर एहतियाती कदम बढ़ाएं: ईपीसीए

By भाषा | Published: November 18, 2019 10:04 PM2019-11-18T22:04:46+5:302019-11-18T22:04:46+5:30

उच्चतम न्यायालय ने चार नवम्बर को अपने अगले निर्देश तक निर्माण कार्यों और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। भूरे लाल ने कहा, ‘‘ घने और बेहद विषैले धुएं भरे दिनों के बाद आखिरकार क्षेत्र में स्थिति बेहतर हुई है। यह पिछले कुछ दिनों से चल रही तेज हवाओं और बेहतर ‘वेंटिलेशन इंडेक्स’ का परिणाम है।’’

Take precautionary measures in view of the possibility of increasing pollution: EPCA | प्रदूषण के बढ़ने की आशंका के मद्देनजर एहतियाती कदम बढ़ाएं: ईपीसीए

प्रदूषण के बढ़ने की आशंका के मद्देनजर एहतियाती कदम बढ़ाएं: ईपीसीए

Highlightsदिल्ली-एनसीआर में ‘हॉट मिक्स प्लांट’, ‘रेडी मिक्स प्लांट’ और ‘स्टोन क्रशर’ (पत्थर तोड़ने की मशीनें) बंद रहेंगे।उच्चतम न्यायालय ने चार नवम्बर को अपने अगले निर्देश तक निर्माण कार्यों और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगा दी थी।

उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित ‘पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सोमवार को दिल्ली और एनसीआर राज्यों से प्रदूषण के स्थानीय घटकों और पराली जलाने की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अधिक कदम उठाने को कहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में ईपीसीए के प्रमुख भूरे लाल ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में ‘हॉट मिक्स प्लांट’, ‘रेडी मिक्स प्लांट’ और ‘स्टोन क्रशर’ (पत्थर तोड़ने की मशीनें) बंद रहेंगे।

उच्चतम न्यायालय ने चार नवम्बर को अपने अगले निर्देश तक निर्माण कार्यों और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। भूरे लाल ने कहा, ‘‘ घने और बेहद विषैले धुएं भरे दिनों के बाद आखिरकार क्षेत्र में स्थिति बेहतर हुई है। यह पिछले कुछ दिनों से चल रही तेज हवाओं और बेहतर ‘वेंटिलेशन इंडेक्स’ का परिणाम है।’’

उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग ने हालांकि मंगलवार से गुरुवार के बीच हल्की हवा चलने और ‘वेंटिलेशन’ के कम होने के कारण सर्तक रहने को कहा है। ईपीसीए प्रमुख ने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रदूषण का छितराव नहीं होगा और वायु गुणवत्ता के फिर ‘बेहद खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।

भूरे लाल ने कहा कि इसलिए प्रदूषण के स्थानीय घटकों और पराली जलने की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अधिक कदम उठाने की जरूरत है। उच्चतम न्यायालय ने भी सभी अधिकारियों से ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ ने भी अगले दो दिन तक पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के यहां आने की आशंका जताई है। भूरे लाल ने कहा, ‘‘पराली जलाए जाने पर अगर नजर नहीं रखी गई तो, मंगलवार को पीएम 2.5 में इसका योगदान 13 प्रतिशत पर पहुंच सकता है।’’ 

Web Title: Take precautionary measures in view of the possibility of increasing pollution: EPCA

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