महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने कहा- यह सच है कि वीर सावरकर अंग्रेजों के दोस्त थे
By रुस्तम राणा | Published: November 18, 2022 04:29 PM2022-11-18T16:29:48+5:302022-11-18T16:37:21+5:30
एएनआई न्यूज एजेंसी के हवाले से तुषार गांधी ने कहा, यह सच है कि वीर सावरकर अंग्रेजों के दोस्त थे, उन्होंने अंग्रेजों से जेल से बाहर निकलने के लिए माफी मांगी
मुंबई: भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण पात्र रहे वीर सावरकर को लेकर सियासी पारा गरम है। कांग्रेस पार्टी जहां वीर सावरकर को अंग्रेजों का साथी बता रही है तो भारतीय जनता पार्टी उन्हें एक महान क्रांतिकारी के रूप में पेश करती आई है। इस बहस के बीच शुक्रवार को महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने भी सावरकर को अंग्रेजों का दोस्त बताया है।
एएनआई न्यूज एजेंसी के हवाले से तुषार गांधी ने कहा, यह सच है कि वीर सावरकर अंग्रेजों के दोस्त थे, उन्होंने अंग्रेजों से जेल से बाहर निकलने के लिए माफी मांगी...ऐसा नहीं है कि हमने इसे व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से लिया है, इतिहास में सबूत हैं।
It is true that Veer Savarkar was friends with the Britishers, he apologised to the Britishers to move out of prison...It is not like we have taken it from WhatsApp university, there is evidence in history: Tushar Gandhi, Grandson of Mahatma Gandhi pic.twitter.com/aLPopGqFIi
— ANI (@ANI) November 18, 2022
भारत जोड़ो यात्रा पर तुषार गांधी ने कहा कि यात्राएं परंपरा का हिस्सा हैं, जिन्होंने वर्षों में कई क्रांतियों को जन्म दिया है। आज जब देश हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित किए गए ढांचे के खिलाफ आगे बढ़ रहा है, तो लोगों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि हमने हार नहीं मानी है।
दरअसल, महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने वीर सावरकर को अंग्रजों की मदद करने वाला बताया है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा था कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों को लिखे एक पत्र में कहा, "सर, मैं आपके सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की याचना करता हूं" और उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए। कांग्रेस नेता ने कहा सावरकर जी ने अंग्रेज़ों की मदद की थी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब सावरकर ने इस कागज पर हस्ताक्षर किया तो उसका कारण डर था अगर वो डरते नहीं तो वो कभी हस्ताक्षर नहीं करते। जब उन्होंने हस्ताक्षर किया तब उन्होंने महात्मा गांधी, सरदार पटेल आदि नेताओं को धोखा दिया।