11 दिन से अनशन पर स्वाति मालीवाल, संसद में उठा मामला, निर्भया के दोषियों को जल्द मिले फांसी

By भाषा | Published: December 12, 2019 03:34 PM2019-12-12T15:34:04+5:302019-12-12T15:34:04+5:30

आप सांसद संजय सिंह ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि दुष्कर्म मामलों के खिलाफ उनका अनशन 11 दिन से चल रहा है। मालीवाल ने निर्भया मामले के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की भी मांग की है। सिंह ने कहा कि सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए क्योंकि अनशन के कारण उनके जीवन को भी संकट हो सकता है।

Swati Maliwal on hunger strike for 11 days, matter raised in Parliament, Nirbhaya convicts hanged soon | 11 दिन से अनशन पर स्वाति मालीवाल, संसद में उठा मामला, निर्भया के दोषियों को जल्द मिले फांसी

केंद्र सरकार के किसी प्रतिनिधि ने अब तक उनसे मुलाकात नहीं की है।

Highlightsउन्होंने मांग की कि दिल्ली पुलिस में 66 हजार कर्मियों की जल्दी नियुक्ति की जाए। उन्होंने दुष्कर्म के मामलों की सुनवाई के लिए त्वरित अदालतों के गठन और निर्भया कोष के इस्तेमाल की भी मांग की।

आप सदस्य संजय सिंह ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के आमरण अनशन का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठाया और कहा कि केंद्र सरकार के किसी प्रतिनिधि ने अब तक उनसे मुलाकात नहीं की है।

सिंह ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि दुष्कर्म मामलों के खिलाफ उनका अनशन 11 दिन से चल रहा है। मालीवाल ने निर्भया मामले के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की भी मांग की है। सिंह ने कहा कि सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए क्योंकि अनशन के कारण उनके जीवन को भी संकट हो सकता है।

उन्होंने मांग की कि दिल्ली पुलिस में 66 हजार कर्मियों की जल्दी नियुक्ति की जाए। उन्होंने दुष्कर्म के मामलों की सुनवाई के लिए त्वरित अदालतों के गठन और निर्भया कोष के इस्तेमाल की भी मांग की। शून्यकाल में ही कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने जीएसटी से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगस्त से ही राज्यों को जीएसटी मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे राज्यों को अपना खर्च चलाने में परेशानी आ रही है और कर्ज लेने की नौबत आ गयी है।

सिंह ने मांग की कि राज्यों को जीएसटी मुआवजा शीघ्र जारी किया जाना चाहिए और इसके लिए मार्च 2022 तक की जो समयसीमा तय की गयी है, उसे बढ़ाकर मार्च 2027 किया जाना चाहिए। गंगा नदी के पानी को साफ किए जाने की जरूरत पर बल देते हुए तृणमूल कांग्रेस के अबीर रंजन विश्वास ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी गंगा नदी के एक मानचित्र का जिक्र किया और कहा इसके अनुसार पश्चिम बंगाल में 13 स्थानों पर नदी का पानी नहाने लायक भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में झारखंड और उत्तराखंड की स्थिति बेहतर है। कांग्रेस के पी एल पुनिया ने जेलों में बंद आदिवासी और दलित लोगों का मुद्दा उठाया तथा मांग की कि ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए विशेष अदालतों की संख्या बढ़ायी जाए। उन्होंने ऐसे मामलों की समीक्षा किए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी 25 प्रतिशत है लेकिन जेलों में बंद ऐसे लोगों की संख्या 34 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सहित कई राज्यों में यह स्थिति और भी गंभीर है।

भाजपा के शिवप्रताप शुक्ला ने मुरैना में बटेसर के पास 25 एकड़ में फैले 64 योगिनी मंदिर का मुद्दा उठाया और कहा कि उस मंदिर का आकार तथा संसद का आकार एक समान है। उन्होंने इसे बेजोड़ स्थापत्य कला का नमूना बताया और उसे विकसित किए जाने का सुझाव दिया।

उन्होंने इसे पर्यटन से जोड़े जाने का भी सुझाव दिया। विशेष उल्लेख के जरिए माकपा की झरना दास वैद्य ने त्रिपुरा में शरणार्थी शिविर में भूख से चार लोगों की मौत होने का मुद्दा उठाया वहीं तृणमूल कांग्रेस की शांता छेत्री ने दार्जिलिंग में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) स्थापित किए जाने की मांग की।

कांग्रेस के एमवी राजीव गौड़ा ने असम में हिरासत केंद्रों का मुद्दा उठाया और कहा कि वहां की स्थिति अमानवीय है। उन्होंने कहा कि वहां 28 लोगों की मौत हो चुकी है। भाजपा के नारायण लाल पंचारिया ने विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिए जाने का जिक्र किया और कहा कि राजस्थान में उगायी जाने वाली कई फसलें एमएसपी के दायरे में नहीं आती हैं। उन्होंने उन फसलों को भी एमएसपी के दायरे में लाने की मांग की।

Web Title: Swati Maliwal on hunger strike for 11 days, matter raised in Parliament, Nirbhaya convicts hanged soon

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