अमेरिका में गिरफ्तार 129 भारतीय छात्रों को बचाने में जुटीं सुषमा स्वराज, मदद के लिए शुरू की ये सेवा
By पल्लवी कुमारी | Published: February 2, 2019 03:44 PM2019-02-02T15:44:57+5:302019-02-02T15:44:57+5:30
अमेरिका में इमिग्रेशन नियमों का उल्लंघन के आरोप में 130 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें 129 छात्र भारत के ही है। इस पूरे घटना पर अमेरिका और भारत के मीडिया ने सवाल उठाए हैं।
अमेरिका में कथित तौर पर इमिग्रेशन नियमों का उल्लंघन के आरोप में तकरीबन 600 भारतीय छात्रों को हिरासत में लिया गया है। जिनको बचाने में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लगी हुई हैं। 600 छात्रों में से एक 129 छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। विदेश मंत्रालय के सुत्रों के मुताबिक हिरासत में लिए गए भारतीय छात्र उनकी प्राथमिकता हैं। इसी कड़ी में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया है, 'हिरासत में लिए गए भारतीय स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत की जा रही है। हम अपना बेस्ट दे रहे हैं। हमें इस घटना की जानकारी है। हम वाशिंगटन और अमेरिका में विभिन्न वाणिज्य दूतावास से और जानकारियों का पता लगा रहे हैं। हमने इस घटना से प्रभावित भारतीय छात्रों की हरसंभव मदद करने के लिए अमेरिका में भारतीय समुदाय के संगठनों को भी सूचित किया है।'' ये ट्वीट विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निर्देश पर किए गए हैं। अमेरिका में बने रहने के लिए एक फर्जी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए गिरफ्तार किए गए 130 विदेशी छात्रों में 129 भारतीय हैं।
We are on it!
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 2, 2019
Mobilising resources and closely working with the US Government to address the situation arising out of the detention of Indian students in the US. Welfare of those detained is the highest priority for us. @SushmaSwaraj. For updates: https://t.co/C4vqDEkU0Qpic.twitter.com/RN2qVuopOc
अमेरिका में गिरफ्तार छात्राओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया, 'पे एंड स्टे' विश्वविद्यालय वीजा घोटाले में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए गए 129 भारतीय छात्रों की मदद के लिए चौबीसों घंटे चलने वाली हॉटलाइन शुरू की है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय दूतावास के दो वरिष्ठ अधिकारी दो नंबरों 202-322-1190 और 202-340-2590 पर चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा गिरफ्तार छात्र, उनके दोस्त और परिवार के सदस्य दूतावास से ‘cons3.washington@mea.gov.in’ पर संपर्क कर सकते हैं।
भारतीय दूतावास ने भारतीयों द्वारा चलाए जा रहे 'टपे एंड स्टे' गिरोह का भंडाफोड़ होने से प्रभावित हुए भारतीय छात्रों की मदद से संबंधित सभी मुद्दों से निपटने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इस घटना से कम से कम 600 छात्र मुसीबत में फंस गए हैं।
For queries and assistance related to the detention of Indian students in the US, please contact our special 24/7 helpline. pic.twitter.com/iorYgZ5cxX
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 2, 2019
अमेरिका के आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग ने गुरुवार तक ग्रेटर डेट्रॉइट इलाके में फर्मिंगटन विश्वविद्यालय से 130 छात्रों को गिरफ्तार किया था। भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा, ‘‘भारतीय दूतावास, वाशिंगटन और अमेरिका में सभी पांच वाणिज्य दूतावास अमेरिका में हिरासत में लिए गए भारतीय छात्रों की मदद के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।’’
ह्यूस्टन में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने टेक्सास में हिरासत केंद्र में गिरफ्तार भारतीय छात्रों से मुलाकात की। भारतीय दूतावास और उसके वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की दखल से कुछ छात्रों को रिहा कराया गया। गिरफ्तार भारतीय छात्रों के कुछ दोस्त और परिवार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से टि्वटर पर मदद मांग रहे हैं।
माधुरी नाम की एक महिला ने टि्वटर पर स्वराज से कहा, 'मैडम, फर्जी विश्वविद्यालय मामले में मेरे पति को आज सुबह हिरासत में ले लिया गया और मुझे अभी तक उनकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। क्या आप मेरी इस मुद्दे पर मदद कर सकती हैं।''
मीडिया ने अमेरिका में भारतीय छात्रों की गिरफ्तार पर सवाल उठाए
भारतीय मूल के प्रतिष्ठित अमेरिकी नागरिकों और कुछ मीडिया संगठनों ने ‘‘पे एंड स्टे’’ विश्वविद्यालय वीजा घोटाले में 129 भारतीयों को गिरफ्तार करने में अमेरिकी सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘‘निर्दोष छात्रों को फंसाना अपराध, गैरकानूनी और अनैतिक’’ है।
मनोचिकित्सक और उत्तर अमेरिकी तेलुगु संघ (नाटा) के अध्यक्ष डॉ. राघव रेड्डी घोसाला ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ‘‘निर्दोष छात्रों को इस तरह फंसाना अपराध है। यह गैरकानूनी और अनैतिक है।’’ वह अमेरिका के आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) विभाग द्वारा गिरफ्तार किए गए कई छात्रों के संपर्क में है।(पीटीआई एजेंसी इनपुट के साथ)