ईरान से तेल खरीदने का फैसला लोकसभा चुनावों के बाद: सुषमा स्वराज
By स्वाति सिंह | Published: May 15, 2019 09:04 AM2019-05-15T09:04:12+5:302019-05-15T09:04:12+5:30
यह बातचीत अमेरिका द्वारा भारत और सात अन्य देशों को ईरान से तेल खरीदने को लेकर दी गई छह माह की छूट की समय खत्म किये जाने के 12 दिन बाद हो रही है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को भारत आए ईरान के विदेश मंत्री जावेद जारिफ से बातचीत के बाद बताया कि तेल खरीदे जाने पर फैसला लोकसभा चुनावों के बाद लिया जाएगा। सुषमा स्वराज ने कहा 'चुनावों के बाद यह फैसला भारत की वाणिज्यिक जरूरतों, ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।'
यह बातचीत अमेरिका द्वारा भारत और सात अन्य देशों को ईरान से तेल खरीदने को लेकर दी गई छह माह की छूट की समय खत्म किये जाने के 12 दिन बाद हो रही है।
अमेरिका ने पिछले साल मई में ईरान के साथ परमाणु मुद्दे पर हुए समझौते से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद ईरान पर प्रतिबंध फिर से लागू हो गए। प्रतिबंधों के बाद अमेरिका ने भारत सहित आठ देशों को ईरान से तेल आयात में कमी लाने और धीरे-धीरे इसे बंद करने के लिए छह महीने तक का समय दिया था।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और इस खाड़ी देश के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए जरीफ का यह दौरा हो रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में कहा 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के बीच पॉजिटिव चर्चा हुई।अफगानिस्तान समेत वर्तमान क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का अच्छा आदान-प्रदान हुआ।'
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्वराज ने जोर देकर कहा कि चुनाव के बाद इस पर देश की ऊर्जा सुरक्षा, वाणिज्यिक सोच-विचार और आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में जरीफ ने राष्ट्रपति हसन रुहानी द्वारा आठ मई को किये गए फैसलों का जिक्र किया जिनमें संवर्धित यूरेनियम और भारी जल के निर्यात से संबंधित फैसला भी शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक ईरानी विदेश मंत्री ने देश के तेल और बैंकिंग चैनलों को फिर से बहाल करने के लिये ईयू-3 और अन्य पक्षों को संयुक्त समग्र कार्य योजना पर अमल के लिये दी गई 60 दिनों की समयसीमा का भी जिक्र किया।
सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को भारत यात्रा पर पहुंचे जरीफ के साथ बैठक में भारतीय पक्ष ने बताया कि भारत चाहता है कि सभी पक्ष अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करें और शांतिपूर्ण तरीके से रचनात्मक रूप से इसमें शामिल होना चाहिए।
बता दें कि ईरान कुल 2.3 मिलियन बैरल तेल का उत्पादक है। इसके साथ ही ईरान भारत को तेल आयातित करने वाला दूसरा सबसे बड़ा स्तोत्र है।