सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की लड़के के शादी की उम्र घटाकर 18 साल करने वाली याचिका
By भाषा | Published: October 22, 2018 08:06 PM2018-10-22T20:06:33+5:302018-10-22T20:06:33+5:30
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिका 25,000 रूपए के जुर्माने के साथ खारिज की जाती है। पीठ ने जुर्माना माफ करने से इंकार कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने लड़कियों के समान ही लड़कों की विवाह की उम्र 18 साल करने के लिये दायर जनहित याचिका सोमवार (22 अक्टूबर) को खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ता पर ऐसी याचिका दायर करने पर 25,000 रूपए का जुर्माना भी लगाया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने अधिवक्ता अशोक पाण्डे की याचिका पर विचार करने से इंकार करते हुये कहा कि इसमें कोई भी जनहित निहित नहीं है।
याचिका में बालिग होने के मुद्दे पर विभिन्न कानूनों के अनेक प्रावधानों का जिक्र करते हुये कहा गया था कि 18 साल की आयु का पुरूष चुनाव में मत दे सकता है परंतु वह शादी नहीं कर सकता।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिका 25,000 रूपए के जुर्माने के साथ खारिज की जाती है। पीठ ने जुर्माना माफ करने से इंकार कर दिया।
पीठ ने कहा कि यदि 18 साल का कोई व्यक्ति इस तरह की याचिका यहां दायर करता है तो हम आपके द्वारा जमा कराई गयी रकम उसे दे देंगे। पीठ ने कहा कि इस तरह की याचिका ‘जनहित’ नहीं हो सकती है और सिर्फ प्रभावित व्यक्ति ही इसके लिये याचिका दायर कर सकता है।
इस याचिका में बाल विवाह निषेध कानून, विशेष विवाह कानून और हिन्दू विवाह कानून के प्रावधानों का हवाला दिया गया था।