सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े लेफ्टिनेंट बोले- राजनीति के लिए बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया, इसकी जरूरत नहीं थी
By आदित्य द्विवेदी | Published: December 8, 2018 09:21 AM2018-12-08T09:21:31+5:302018-12-08T09:32:03+5:30
अनेक मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी समेत बीजेपी के कई नेताओं पर सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेने के आरोप लगते रहे। अब सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी की टिप्पणी ने इस मिलिट्री ऑपरेशन का राजनीतिकरण करने पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने सर्जिकल स्ट्राइक को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मिलिटरी ऑपरेशन का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है। बता दें कि सितंबर 2016 में जब भारतीय जवानों ने एलओसी के पार जाकर आंतकियों के लॉन्चिंग पैड्स तबाह किए थे उस वक्त डीएस हुड्डा नॉर्दर्न आर्मी कमांडर थे।
'रोल ऑफ क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन्स एंड सर्जिकल स्ट्राइक' विषय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, एक मिलिटरी ऑपरेशन की वीडियो और फोटो लीक करके इसे राजनीतिक डोमेन में लाया गया। अगर मुझसे पूछा जाए कि क्या इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना सही है तो मेरा जवाब होगा नहीं। अगर आप मिलिट्री ऑपरेशन का राजनीतिकरण करते हैं तो यह सही नहीं है।'
गौरतलब है कि दो साल पहले उड़ी के एक सैन्य शिविर में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें भारत ने अपने कई जवान गंवा दिए। इसके जवाब में भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर सर्जिकल स्ट्राइक किया था और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के कई लॉन्च पैड्स ध्वस्त कर दिए थे। सर्जिकल स्ट्राइक को देशभर में खूब प्रचारित प्रसारित किया गया।
अनेक मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी समेत बीजेपी के कई नेताओं पर सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेने के आरोप लगते रहे। अब सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी की टिप्पणी ने इस मिलिट्री ऑपरेशन का राजनीतिकरण करने पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
General (retired) D S Hooda: I do think there was too much hype over it (surgical strike). The strike was important & we had to do it. Now how much should it have been politicised, whether it was right or wrong is something that should be asked to the politicians. (7.12) pic.twitter.com/8v0QJ1tzK5
— ANI (@ANI) December 8, 2018
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कहा 'मुझे लगता है कि इसे बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, जिसकी जरूरत नहीं थी। सैन्य अभियान जरूरी था और हमने ऐसा किया। लेकिन इसे राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है... बेहतर होता यदि ऐसे सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी गोपनीय रखी जाती।'