'मेहुल चोकसी' की 9 साल की मेहनत हुई सफल, पीएम नरेन्द्र मोदी पर कर डाली पीएचडी

By नियति शर्मा | Published: March 18, 2019 04:05 PM2019-03-18T16:05:33+5:302019-03-18T16:07:39+5:30

सूरत के मेहुल चोकसी ने पॉलिटिक्ल साइंस में मास्टर्स करने के बाद गुजरात के वीर नरमद विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। उन्होंने पीएचडी का विषय "लीडरशीप अंडर गवर्नमेंट- केस स्टडी ऑफ नरेन्द्र मोदी" को चुना था।

Surat based student submits PHD thesis on Narendra modi | 'मेहुल चोकसी' की 9 साल की मेहनत हुई सफल, पीएम नरेन्द्र मोदी पर कर डाली पीएचडी

'मेहुल चोकसी' की 9 साल की मेहनत हुई सफल, पीएम नरेन्द्र मोदी पर कर डाली पीएचडी

Highlightsनरेन्द्र मोदी पर अपनी पीएचडी थीसिस करने वाले छात्र का नाम मेहुल चोकसी हैरिसर्च में 450 लोगों से सवाल पूछे गये जिनमें सरकारी अधिकारी, किसान और नेता शामिल थे चोकसी ने अपनी पीएचडी तब शुरू की जब मोदी 2010 में गुजरात की कमान संभाले हुए थे

सूरत के एक छात्र ने 9 साल के लगातार प्रयास के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पर पीएडी पूरी कर ली है। इस छात्र ने 2010 में इसकी थिसिस की शुरुआत की थी जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। दिलचस्प ये है कि पीएम मोदी पर पीएचडी करने वाले इस छात्र का नाम मेहुल चोकसी है। वैसे, ये वह मेहुल चोकसी नहीं हैं जिन पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,400 करोड़ रुपये की ठगी की आरोप है और भारत से भाग चुके हैं।

पीएचडी करने वाले सूरत के इस छात्र मेहुल चौकसी ने राजनीति विज्ञान में मास्टर्स करने के बाद दक्षिणी गुजरात के वीर नरमद विश्वविद्यालय से पीएचडी की। उन्होंने पीएचडी का विषय 'लीडरशीप अंडर गवर्नमेंट- केस स्टडी ऑफ नरेन्द्र मोदी' को चुना। चोकसी ने एएनआई को बताया कि उन्होंने इस रिसर्च के लिए कुल 450 लोगों जिनमें सरकारी अधिकारी, किसान और नेता शामिल थे।

उन्होंने प्रधानमंत्री की लीडरशीप क्वालिटी पर कुछ सवालों का सेट बनाया था जिसे सभी से पूछा गया था। चोकसी ने आगे बताया कि इन सवालों की सूची में कुल 32 प्रश्न थे। सभी प्रश्नों को 450 लोगों से पूछने पर मिले जवाब से पता चला की 25 प्रतिशत लोग सोचते है की मोदी के भाषण आकर्षक होते है, वहीं दूसरी तरफ 48 प्रतिशत लोगों ने मोदी की राजनीतिक मार्केटिंग को सबसे अच्छा बताया।

 चोकसी  ने अपनी पीएचडी  तब शुरू की थी जब मोदी 2010 में गुजरात की कमान संभाले हुए थे। गुजरात में मोदी सरकार की सफलता पर पूछे गये सवालों से प्राप्त लोगों की प्रतिक्रिया में 51 प्रतिशत लोगों ने सकारात्मक, 34.25 ने नकारात्मक और 46.75 ने कहा कि नेताओं को वहीं निर्णय लेना चाहिए जो जनता के हित में हो।

चोकसी ने कहा, '81 प्रतिशत लोगों सोचते है कि प्रधानमंत्री बनने के लिए सकारात्मक लीडरशीप जरुरी है, 31प्रतिशत के लिए सत्यता और 34 प्रतिशत लोगों  के लिए पारदर्शिता जरुरी है।'

गुजरात के वीर नरमद विश्वविद्यालय के आर्ट डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ. नीलेश जोशी ने कहा कि 'हमें इस केस स्टडी का विषय बेहद दिलचस्प लगा था। हमारी सब से बड़ी समस्या इतनी बड़े पद पर बैठे व्यक्ति के बारे में बिना किसी पक्षपात के लिखना था। लोगों के बीच पहुंचना और उनसे सवाल करना भी कम मुश्किल भरा नहीं था।'

Web Title: Surat based student submits PHD thesis on Narendra modi

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