सुप्रीम कोर्ट ने कहा-पत्नी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना मानसिक क्रूरता के समान, जानें क्या है मामला

By भाषा | Published: February 26, 2021 08:59 PM2021-02-26T20:59:28+5:302021-02-26T21:04:51+5:30

न्यायमूर्ति एस के कौल के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने टूटे हुए संबंध को मध्यमवर्गीय वैवाहिक जीवन की सामान्य टूट-फूट करार देकर अपने निर्णय में त्रुटि की।

Supreme Court Wife Levelling Allegations Affecting Career & Reputation Of Husband Amounts To Mental Cruelty Against Him For Seeking Divorce | सुप्रीम कोर्ट ने कहा-पत्नी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना मानसिक क्रूरता के समान, जानें क्या है मामला

कुछ महीने तक साथ रहे, लेकिन शादी की शुरुआत से ही उनके बीच मतभेद उत्पन्न हो गए।

Highlightsपीठ ने कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर प्रतिवादी द्वारा अपीलकर्ता के खिलाफ क्रूरता का मामला है।उच्च न्यायालय के फैसले को दरकिनार करने तथा परिवार अदालत के फैसले को बहाल करने के लिए पर्याप्त औचित्य पाया गया है। सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज में संकाय सदस्य अपनी पत्नी पर मानसिक क्रूरता का आरोप लगाकर तलाक मांगा था।


नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक सैन्य अधिकारी का उसकी पत्नी से तलाक मंजूर करते हुए कहा कि जीवनसाथी के खिलाफ मानहानिकारक शिकायतें करना और उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना मानसिक क्रूरता के समान है।

न्यायमूर्ति एस के कौल के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने टूटे हुए संबंध को मध्यमवर्गीय वैवाहिक जीवन की सामान्य टूट-फूट करार देकर अपने निर्णय में त्रुटि की। पीठ ने कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर प्रतिवादी द्वारा अपीलकर्ता के खिलाफ क्रूरता का मामला है और उच्च न्यायालय के फैसले को दरकिनार करने तथा परिवार अदालत के फैसले को बहाल करने के लिए पर्याप्त औचित्य पाया गया है।’’

इसने कहा, ‘‘तदनुसार अपीलकर्ता अपनी शादी को खत्म करने का हकदार है और वैवाहिक अधिकारों की बहाली का प्रतिवादी का आवेदन खारिज माना जाता है। तदनुसार यह आदेश दिया जाता है।’’ सैन्य अधिकारी ने एक सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज में संकाय सदस्य अपनी पत्नी पर मानसिक क्रूरता का आरोप लगाकर तलाक मांगा था। दोनों की शादी 2006 में हुई थी।

वे कुछ महीने तक साथ रहे, लेकिन शादी की शुरुआत से ही उनके बीच मतभेद उत्पन्न हो गए और वे 2007 से अलग रहने लगे। पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय भी थे। सैन्य अधिकारी ने अपनी पत्नी पर मानसिक क्रूरता का आरोप लगाते हुए कहा था कि उसने विभिन्न जगहों पर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है।

न्यायालय ने कहा, ‘‘जब जीवनसाथी की प्रतिष्ठा को उसके सहकर्मियों, उसके वरिष्ठों और समाज के बीच बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जाता है तो प्रभावित पक्ष से ऐसे आचरण को क्षमा करने की उम्मीद करना मुश्किल होगा।’’ 

Web Title: Supreme Court Wife Levelling Allegations Affecting Career & Reputation Of Husband Amounts To Mental Cruelty Against Him For Seeking Divorce

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