PMLA पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, ईडी के गिरफ्तारी के हक को बरकरार रखा, कहा- ये प्रक्रिया मनमानी नहीं
By विनीत कुमार | Published: July 27, 2022 11:20 AM2022-07-27T11:20:40+5:302022-07-27T12:10:01+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा है कि हर मामले में ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) आरोपी को देना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी के अधिकार को बरकरार रखा।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गिरफ्तारी के अधिकार को बरकरार रखने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि ईडी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है। कोर्ट ने पीएमएलए के कई प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को लेकर ये फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) प्रवर्तन निदेशालय का एक आंतरिक दस्तावेज है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी को ईसीआईआर की कॉपी देना अनिवार्य नहीं है। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी को केवल यह बता देना काफी है कि उसे किन आरोपों के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है।
#UPDATE | Supreme Court upholds validity of various provisions of Prevention of Money Laundering Act (PMLA).
— ANI (@ANI) July 27, 2022
पीएमएलए को असंवैधानिक बताते हुए डाली गई थी याचिका
पीएमएलए के कई प्रावधानों को याचिकाकर्ताओं ने असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट में इसे चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि गिरफ्तारी के आधार या सबूत के बिना आरोपी को गिरफ्तार करने की अनियंत्रित शक्ति असंवैधानिक है।
कोर्ट ने इससे पहले पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। पीएमएलए के खिलाफ याचिका डालने वालों में में कार्ति चिदंबरम और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित अन्य कुछ लोग शामिल हैं।
बताते चलें कि दो दिन पहले सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि कानून लागू होने के बाद पिछले करीब 17 साल में प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के तहत लगभग 5,422 मामले दर्ज किए। मामले दर्ज होने के बाद पीएमएलए के प्रावधानों के तहत करीब 1,04,702 करोड़ रूपये की सम्पत्ति कुर्क की गई, 992 मामलों में अभियोग शिकायत दर्ज की गई जिसके परिणामस्वरूप 869.31 करोड़ रूपये की जब्ती की गई और 23 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया।