दहेज रोधी कानून को हल्का करने वाले फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
By भाषा | Published: April 21, 2018 04:06 AM2018-04-21T04:06:04+5:302018-04-21T04:06:04+5:30
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इस मामले में आदेश प्राप्त नहीं किया जा सकता क्योंकि शीर्ष अदालत की वेबसाइट 'गुरुवार को हैक हो गई थी।'
नई दिल्ली, 21 अप्रैलः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह सोमवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिनमें पति और ससुरालीजनों द्वारा शादीशुदा महिला से क्रूरता से जुड़े अपराध के संबंध में दहेज विरोधी कानून की कठोरता कम करने वाले फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया। इस फैसले से पहले प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इस मामले में आदेश प्राप्त नहीं किया जा सकता क्योंकि शीर्ष अदालत की वेबसाइट 'गुरुवार को हैक हो गई थी।'
पीठ ने एनजीओ 'सोशल ऐ क्शन फोरम' की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर उनकी याचिका को अन्य याचिकाओं के साथ 23 अप्रैल को सुनवाई के लिए रखा जाएगा।
शीर्ष अदालत के दो न्यायाधीशों की पीठ ने बीते साल जुलाई में भादंसं की धारा 498 ए ( विवाहित महिला के साथ क्रूरता ) के 'दुरूपयोग' पर चिंता जताई थी और उसने कुछ निर्देश जारी किये थे जिसमें आरोपों के सत्यापन के बिना सामान्य रूप से गिरफ्तारी नहीं करने की बात शामिल थी।
बाद में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने फैसले पर असहमति जताई थी और इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए उसकी मदद हेतु वरिष्ठ अधिवक्ता वी शेखर को न्याय मित्र नियुक्त किया था।