सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 4 लाख करोड़ रुपये की AGR मांग पर उठाए सवाल, कहा- दूरसंचार विभाग की मांग पूरी तरह से अनुचित

By सुमित राय | Published: June 11, 2020 02:24 PM2020-06-11T14:24:07+5:302020-06-11T15:15:35+5:30

टेलिकॉम के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले की सुनवाई की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई, जिसमें तीन जजों की बेंच ने सार्वजनिक उपक्रमों से एजीआर मांग पर सवाल उठाया।

Supreme Court three-judge bench questions on telecom Adjusted Gross Revenue case | सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 4 लाख करोड़ रुपये की AGR मांग पर उठाए सवाल, कहा- दूरसंचार विभाग की मांग पूरी तरह से अनुचित

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी टेलीकॉम कंपनियों से एजीआर मांग को अनुचित बताया है। (फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने सरकारी टेलीकॉम कंपनियों से चार लाख करोड़ रुपये की एजीआर मांग को अनुचित बताया है।कोर्ट ने दूरसंचार विभाग से कहा कि एजीआर मामले में उसके फैसले की गलत व्याख्या की गई है।अदालत ने कहा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर की बकाया राशि की मांग वापस लेने पर विचार करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने गुरुवार को टेलिकॉम के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले की सुनवाई की और सार्वजनिक उपक्रमों से दूरसंचार विभाग की एजीआर मांग पर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर बकाए के रूप में चार लाख करोड़ रुपये की दूरसंचार विभाग की मांग पूरी तरह से अनुचित है।

जस्टिस अरुण मिश्रा, एस अब्दुल नाजीर और एमआर शाह ने दूरसंचार विभाग से कहा कि एजीआर मामले में उसके फैसले की गलत व्याख्या की गई है क्योंकि उसने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मामले पर विचार नहीं किया था। दूरसंचार विभाग को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर की बकाया राशि की मांग वापस लेने पर विचार करना होगा।

इस पर दूरसंचार विभाग ने न्यायालय से कहा कि वह एक हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट करेगा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर की मांग क्यों की गई है। इसके साथ ही AGR मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को हलफनामा दाखिल करना होगा कि वे बकाया राशि का भुगतान कैसे करेंगे।

क्या है एजीआर और क्या है इसको लेकर विवाद?

एजीआर दूरसंचार विभाग की ओर से टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस है। स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज कुल लाभ का 3 से 5 फीसदी के बीच और लाइसेंसिंग फीस 8 फीसदी होती है।

दूरसंचार विभाग एजीआर का कैलकुलेशन पूर्ण आय पर मानता है और इसी को लेकर विवाद है। इसके हिसाब से टेलीकॉम कंपनियों के एजीआर में कंपनी के लाभ के साथ-साथ संपत्तियों की बिक्री पर कमाए लाभ और डिपॉजिट इंटरेस्ट को भी शामिल किया जाता है। लेकिन, वही टेलीकॉम कंपनियां सिर्फ सेवाओं पर होने वाली आमदनी को एजीआर का हिस्सा मानना चाहती हैं।

Web Title: Supreme Court three-judge bench questions on telecom Adjusted Gross Revenue case

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