सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ससुराल में पत्नी को पहुंचाई गई हर चोट के लिए पति जिम्मेदार
By विनीत कुमार | Published: March 9, 2021 10:01 AM2021-03-09T10:01:04+5:302021-03-09T14:42:59+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने दहेज और उत्पीड़न से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की। पति अग्रिम जमानत की मांग कर रहा था, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ससुराल में पत्नी को पहुंची हर चोट के लिए पति जिम्मेदार है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक शख्स की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि ससुराल में पत्नी को लगी चोट के लिए पति जिम्मेदार है, भले ही ऐसा किसी रिश्तेदार ने किया हो। इस मामले में इस शख्स की ये तीसरी शादी है वहीं, महिला की ये दूसरी शादी थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार दोनों की शादी के एक साल बाद 2018 में इनका एक बच्चा हुआ। पिछले साल जून में महिला ने लुधियान पुलिस में पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। महिला ने अपने पति, ससुर और सास पर दहेज के लिए और दबाव बनाने सहित मारपीट का आरोप लगाया था।
इस मामले में जब पति के वकील कुशाग्र महाजन ने अग्रिम जमानत की मांग की तो चीफ जस्टिस एस.ए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, 'तुम किस तरह के आदमी हो। वे आरोप लगा रही हैं कि तुम उसे गला घोंट कर मारना चाहते थे। उनका आरोप है कि तुमने जबरन गर्भपात कराया। तुम कैसे आदमी हो जिसने अपनी पत्नी को मारने के लिए क्रिकेट के बैट का इस्तेमाल किया।'
इस पर महाजन ने जब कहा कि ऐसे आरोप महिला ने पति के पिता पर लगाए हैं तो बेंच ने कहा, 'ये फर्क नहीं पड़ता कि ये तुम थे या पिता जो कथित तौर पर बैट से उसे मारते थे। ससुराल में जब किसी महिला को चोट लग रही है तो इसकी जिम्मेदारी पति पर आती है।' इसके साथ ही बेंच ने शख्स की अग्रिम जमानत की याचिका भी खारिज कर दी।
इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भी पति को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया था। महिला के आरोपों का जिक्र करते हुए कोर्ट ने इसे खारिज किया था। कोर्ट ने कहा था, '12 जून, 2020 को रात करीब 9 बजे याचिकाकर्ता (पति) और उसके पिता ने शिकायतकर्ता की क्रिकेट बैट से निर्ममता से पिटाई की। इसमें याचिकाकर्ता की मां भी शामिल हुई। याचिकाकर्ता ने दम घोंट कर मारने की कोशिश की।'
महिला की शिकायत के अनुसार पति और ससुर ने महिला के मुंह पर तकिया रखकर उसे मारने की कोशिश की थी। निर्ममता से पिटाई के बाद महिला को सड़क पर फेंक दिया गया। इसके बाद महिला के पिता और भाई वहां पहुंचे और शिकायत दर्ज कराते हुए मेडिकल जांच भी कराया।
महिला ने ये भी आरोप लगाया कि पूर्व में दो बार इन यातनाओं के कारण उसका गर्भपात हो चुका है। हाई कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद कहा था कि महिला पर चोट के करीब दस निशान थे। इसमें करीब 5 निशान उसके चेहरे पर थे। इन सभी बातों का जिक्र करते हुए हाई कोर्ट ने पति को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया था।