एहतियातन हिरासत कानून औपनिवेशिक विरासत है, दुर्लभतम मामलों में ही इस्तेमाल हो: सुप्रीम कोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 11, 2023 09:02 AM2023-04-11T09:02:55+5:302023-04-11T09:05:20+5:30

शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार को मनमाना अधिकार प्रदान करने की क्षमता रखने वाले कानूनों की सभी परिस्थितियों में गंभीरता से समीक्षा की जानी चाहिए, और केवल दुर्लभतम मामलों में इनका उपयोग किया जाना चाहिए।’’ 

Supreme Court said Precautionary custody law is colonial heritage should be used only in rare cases | एहतियातन हिरासत कानून औपनिवेशिक विरासत है, दुर्लभतम मामलों में ही इस्तेमाल हो: सुप्रीम कोर्ट

एहतियातन हिरासत कानून औपनिवेशिक विरासत है, दुर्लभतम मामलों में ही इस्तेमाल हो: सुप्रीम कोर्ट

Highlightsभारत में एहतियातन हिरासत कानून एक औपनिवेशिक विरासत है जिसके दुरुपयोग की काफी संभावना हैः SCशीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतों को ऐसे कानूनों से उत्पन्न होने वाले मामलों का अत्यधिक सावधानी के साथ विश्लेषण करना चाहिए।

नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि भारत में एहतियातन हिरासत कानून एक औपनिवेशिक विरासत है जिसके दुरुपयोग की काफी संभावना है और इसका इस्तेमाल दुर्लभतम मामलों में ही किया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतों को ऐसे कानूनों से उत्पन्न होने वाले मामलों का अत्यधिक सावधानी के साथ विश्लेषण करना चाहिए ताकि सरकार की शक्ति के इस्तेमाल पर नियंत्रण एवं संतुलन बना रहे।

न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने सोने की तस्करी के एक मामले में आरोपी एक व्यक्ति के हिरासत आदेश को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की।

पीठ ने कहा, ‘‘भारत में एहतियातन हिरासत कानून एक औपनिवेशिक विरासत है और इसके दुरुपयोग की बड़ी संभावना है। सरकार को मनमाना अधिकार प्रदान करने की क्षमता रखने वाले कानूनों की सभी परिस्थितियों में गंभीरता से समीक्षा की जानी चाहिए, और केवल दुर्लभतम मामलों में इनका उपयोग किया जाना चाहिए।’’ 

Web Title: Supreme Court said Precautionary custody law is colonial heritage should be used only in rare cases

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