सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बिना वसीयत अगर व्यक्ति की मौत हो जाए तब भी संपत्ति पर होगा बेटियों का अधिकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 21, 2022 10:28 PM2022-01-21T22:28:21+5:302022-01-21T22:42:33+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत संपत्ति के अधिकार पुरुषों और महिलाओं पर समान रूप से लागू हैं
सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के उत्तराधिकार के मामले में एक ऐतिहासिक आदेश देते हुए बेटियों को मिले कानूनी वैधता को और मजबूती प्रदान की। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यदि व्यक्ति की मृत्यु बिना किसी वसीयत के भी हो जाए तब भी उसकी संपत्ति पर बेटी का अधिकार संपत्ति के अन्य उत्तराधिकारियों से ज्यादा होता है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत विवाहित और विधवा हिंदू महिलाओं के संबंध में दिया है। इस मामले में दो जजों की बेंच ने सुनवाई की। जिसमें जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी शामिल थे।
दोनों जजों की बेंच के समाने दरअसल यह मामला आया था कि अगर बिना वसियत किये मृत व्यक्ति की संपत्ति का कोई और कानूनी उत्तराधिकारी न हो तो क्या संपत्ति पर बेटियों का अधिकार होगा।
दोनों जजों ने इस मामले में ऐतिहासिक निर्णय देते हुए अपने फैसले में कहा की मृत व्यक्ति की खुद अर्जित की हुई संपत्ति हो या फिर विभाजन के बाद परिवार से मिली हो। उसे संपत्ति उत्तराधिकार के नियमों के तहत दूसरे उत्तराधिकारियों से पहले बेटी का माना जाएगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा कि हिंदू अधिनियम के तरह संपत्ति के अधिकार पुरुषों और महिलाओं में समान है और पुरुषों की तरह महिला का भी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने इस दुविधा को भी दूर किया कि अगर पुरुष की जगह कोई हिंदू महिला बिना वसीयत के मरती है तो उस मामले में कानून की किस प्रक्रिया का पालन होगा।
कोर्ट ने इस मामले में जो व्याख्या दी उसके मुताबिक मृत महिला के पिता या माता से प्राप्त हुई संपत्ति पर उसके पिता के उत्तराधिकारियों का स्वामित्व होगा वहीं मृत महिला के पति या ससुर से अर्जित संपत्ति पर पति के उत्तराधिकारियों का अधिकार होगा।