टिकटॉक एप को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाने से किया इंकार
By भाषा | Published: April 16, 2019 06:27 AM2019-04-16T06:27:40+5:302019-04-16T06:27:40+5:30
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के टिकटॉक एप पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के टिकटॉक एप पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। मद्रास उच्च न्यायालय ने अश्लील सामग्री तक पहुंच होने की चिंताओं के चलते केंद्र सरकार को इस एप पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
न्यायालय ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय का आदेश महज एक अंतरिम आदेश है और वह 16 अप्रैल को मामले की सुनवायी करेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वह मामले पर बाद में विचार के लिए इसे खुला रख रही है और इस पर अगली सुनवायी 22 अप्रैल को करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले में टिकटॉक पर मालिकाना हक वाली कंपनी बाइट डांस की ओर से पेश हुए।
उन्होंने कहा कि इस एप को एक अरब से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने इस मामले में दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति में एक तरफा फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने इस संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया और उनकी दलील सुने बिना ही आदेश जारी कर दिया।
पीठ ने कहा कि यह मामला इस समय उच्च न्यायालय के विचाराधीन है और प्रतिबंध का आदेश मात्र एक अंतरिम आदेश है। पीठ ने कहा, ‘‘हम मामले को बंद नहीं कर रहे हैं। पहले उच्च अदालत को मामले पर विचार कर लेने दीजिए। हम इस पर अगली सुनवायी 22 अप्रैल को करेंगे।’’ मद्रास उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को अपने आदेश में केंद्र सरकार को टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे।