SC ने ताजमहल के प्रति उदासीनता को लेकर केंद्र को लताड़ा, कहा-संरक्षण दो या गिरा कर दो
By स्वाति सिंह | Published: July 11, 2018 04:11 PM2018-07-11T16:11:46+5:302018-07-11T16:29:36+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ताज महल की सुरक्षा और उसके संरक्षण को लेकर दृष्टि पत्र लाने में विफल रही है।
नई दिल्ली, 11 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ताजमहल के संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों को लेकर केंद्र और उसके प्राधिकारियों की जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा या तो ताजमहल को सरंक्षण दो या बंद कर दो या ध्वस्त कर दो। कोर्ट ने कहा कि मुगलकाल की इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण को लेकर कोई उम्मीद नजर नहीं आती है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ताज महल की सुरक्षा और उसके संरक्षण को लेकर दृष्टि पत्र लाने में विफल रही है। इसके साथ ही ताजमहल के लिए उदासीनता जताई है।
Supreme Court told Centre and the state government that either you preserve the Taj Mahal, or close it or destroy it. https://t.co/FJ1nIaWrzA
— ANI (@ANI) July 11, 2018
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कोर्ट ने केंद्र सरकार से ताजमहल के संरक्षण को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं और किस तरह की कार्रवाई की जरूरत है, इस पर पूरी विस्तृत जानकारी मांगी है। जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि ताजमहल के संरक्षण के बारे में संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
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वहीं केंद्र ने अपनी सफाई देते हुए पीठ को बताया कि आईआईटी-कानपुर ताजमहल और उसके आसपास वायु प्रदूषण के स्तर का आकलन कर रहा है और चार महीने में अपनी रिपोर्ट देगा। केंद्र ने यह भी बताया कि ताजमहल और उसके इर्दगिर्द प्रदूषण के स्रोत का पता लगाने के लिए एक विशेष समिति का भी गठन किया गया है जो इस विश्व प्रसिद्ध स्मारक के संरक्षण के उपाय सुझाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई से रोज होगी
(भाषा इनपुट के साथ)
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