सुप्रीम कोर्ट का आदेश, तेजस्वी यादव को खाली करना होगा सरकारी बंगला, देना होगा 50 हजार जुर्माना भी
By भाषा | Published: February 8, 2019 12:29 PM2019-02-08T12:29:40+5:302019-02-08T12:29:40+5:30
अदालत ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के रहने के लिए बना सरकारी आवास खाली करने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
नयी दिल्ली, आठ फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सरकारी आवास खाली करने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया और उन्हें विपक्ष के नेता के लिए बने आवास में जाकर रहने का आदेश दिया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता एवं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सरकार के फैसले को चुनौती देने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के मौजूदा नेता यादव ने पटना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ यह याचिका दायर की थी।
अदालत ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के रहने के लिए बना सरकारी आवास खाली करने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
लालू यादव और राबड़ी देवी के छोटे बेटे तेजस्वी यादव नवंबर 2015 से जुलाई 2017 तक बिहार के उप-मुख्यमंत्री रहे थे।
तेजस्वी यादव इस समय बिहार विधान सभा में राष्ट्रीय जनता दल विधायक दल के नेता और नेता विपक्ष हैं।
तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने साल 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ा और विधायक चुने गये। तेजस्वी यादव और तेज प्रताप को नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया गया था।
हालाँकि 2017 में राजद के जनता दल (यूनाइटेड) से गठबंधन टूटने के बाद राजद सत्ता से बाहर हो गयी। जदयू ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर सरकार बना ली।