प्रशांत कनौजिया केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हत्यारे नहीं हैं पत्रकार, जाने फैसले से जुड़ी 10 बड़ी बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 11, 2019 12:02 PM2019-06-11T12:02:56+5:302019-06-11T12:02:56+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए पूछा कि आखिर किस आधार पर पत्रकार प्रशांत कनौजिया को पुलिस ने हिरासत में लिया। जानें, इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें..
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर सोशल मीडिया पर किये गये आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले पर पत्रकार प्रशांत कनौजिया को मंगलवार बड़ी राहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए प्रशांत को तत्काल रिहा करने के निर्देश दिये। इस मामले ने पिछले हफ्ते ही काफी तूल पकड़ लिया था जब प्रशांत कनौजिया को पुलिस ने हिरासत में लिया था।
इसके बाद उनकी पत्नी जिगीशा अरोड़ा ने इस गिरफ्तारी को गैरकानून बताते हुए सोमवार को सुप्रीम का रूख किया था। जानें, इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या कहा...
1. सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए पूछा कि आखिर किस आधार पर पत्रकार प्रशांत कनौजिया को पुलिस ने हिरासत में लिया।
2. जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी ने इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा- हम ऐसे ट्वीट की प्रशंसा नहीं करते लेकिन क्या इसके लिए किसी को जेल में डाला जा सकता है।
3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशांत कनौजिया को जमानत देने का यह मतलब नहीं है कि सोशल मीडिया पर डाले गए उसके पोस्ट को सही ठहराया जा रहा है।
4. कोर्ट ने साथ ही टिप्पणी इस मामले पर कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में गलत टिप्पणी करना कोई हत्या नहीं हैं। आम तौर पर हम ऐसी याचिकाएं नहीं सुनते लेकिन एक व्यक्ति 11 दिन इस तरह जेल में नहीं रह सकता।
5. कोर्ट ने साथ ही कहा कि मजिस्ट्रेट का प्रशांत कनौजिया को 22 जून तक रिमांड में भेजने का आदेश सही नहीं था।
6. जस्टिस इंदिर बनर्जी ने कहा- निश्चत तौर पर इस मामले में 'राइट टू लिबर्टी' का हनन किया गया है।
7. प्रशांत कनौजिया को पिछले हफ्ते शनिवार को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन शाम को एक निजी न्यूज की हेड और इसके संपादक को भी नोएडा में हिरासत में लिया गया था।
8. प्रशांत कनौजिया पर उत्तर प्रदेश के हजरतगंज पुलिस थाने में पिछले हफ्ते शुक्रवार रात को एक उपनिरीक्षक ने कनौजिया के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की जिसमें आरोप लगाया है कि आरोपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की।
9. दरअसल, प्रशांत कनौजिया ने ट्विटर और फेसबुक पर एक वीडियो साझा किया था जिसमें एक महिला मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर विभिन्न मीडिया संगठनों के पत्रकारों के सामने यह दावा करती दिख रही है कि उसने सीएम आदित्यनाथ को शादी का प्रस्ताव भेजा है। इस वीडियो के साथ प्रशांत ने आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी।
10. प्रशांत कनौजिया के हिरासत में लिये जाने की राहुल गांधी ने भी आलोचना की थी। राहुल गांधी ने मंगलवार को योगी एवं भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि पत्रकारों को रिहा किया जाना चाहिए।