दिल्ली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की पुलिस को फटकार, ब्रिटिश पुलिस को देखो, भड़काऊ बयान आया, तभी लेना चाहिए था एक्शन
By पल्लवी कुमारी | Published: February 26, 2020 12:50 PM2020-02-26T12:50:58+5:302020-02-26T12:50:58+5:30
Delhi Violence दिल्ली हिंसा: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। जीटीबी अस्पताल के अधिकारी ने सूचना दी है। 200 से अधिक लोग घायल हैं। जिनका इलाज चल रहा। जिसमें से तकरीबन 60 लोग पुलिसवाले हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज (26 फरवरी) नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन पर सुनवाई को टाल दिया है। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में जारी हिंसा को लेकर भी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा पर पुलिस को सही समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कहा है कभी-कभी आउट ऑफ द बॉक्स एक्शन लेना पड़ता है। कोर्ट ने कहा, दिल्ली पुलिस को ब्रिटिश पुलिस को देखना चाहिए...वह कैसे काम करती है।
Hearing in #DelhiViolence case: Justice KM Joseph in Supreme Court today expressed his displeasure over the way the police have acted. He said you (police) have to act immediately to handle the situation. pic.twitter.com/tbWezGKn0h
— ANI (@ANI) February 26, 2020
न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ ने कहा कि पुलिस ने पेशेवर रवैया नहीं अपनाया। उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन में पुलिस का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कुछ गलत होता है कि पुलिस को कानून के अनुसार पेशेवर तरीके से काम करना होता है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर उकसाने वाले लोगों को पुलिस बच कर निकलने नहीं देती तो यह सब नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी ने भड़काउ भाषण दिया था तो उसपर उसी वक्त क्यों नहीं एक्शन लिया गया? उत्तरपूर्वी दिल्ली में सीएए को लेकर साम्प्रदायिक हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर बुधवार को 20 हो गई।
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि वह हिंसा पर याचिकाओं पर विचार करके शाहीन बाग प्रदर्शनों के संबंध में दायर की गई अपीलों के दायरे में विस्तार नहीं करेगी। उसकी अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा के संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई की है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा से संबंधित याचिकाओं का निस्तारण करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय इस मामले पर विचार करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सुनिश्चित करना कानून लागू करने वाले प्रशासन का काम है कि माहौल शांतिपूर्ण रहे। सॉलिसिटर जनरल ने न्यायालय से दिल्ली हिंसा से संबंधित प्रतिकूल टिप्पणियां न करने का अनुरोध किया क्योंकि इससे पुलिस बल हतोत्साहित होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रतिकूल संदर्भ में टिप्पणियां नहीं की गईं बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए की गईं कि कानून व्यवस्था बनी रहे। (भाषा-पीटीआई इनपुट के साथ)