कर्मचारियों को वेतन के मुताबिक ही मिलेगी पेंशन, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की संशोधित पीएफ पेंशन योजना

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 6, 2018 07:53 AM2018-11-06T07:53:09+5:302018-11-06T08:25:46+5:30

अब सेवानिवृत्ति के पहले के 12 माह के वास्तविक वेतन के औसत के हिसाब से पेंशन का हिसाब होगा. 3. संशोधन के मुताबिक कर्मचारियों को उनके मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 1.83% रकम पेंशन कोष के लिए अतिरिक्त अंशदान के रूप में भरनी थी. अब यह नहीं भरनी होगी.

Supreme Court nullifies amendments to Employees’ Pension Scheme will remain same as per employees pay scale | कर्मचारियों को वेतन के मुताबिक ही मिलेगी पेंशन, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की संशोधित पीएफ पेंशन योजना

कर्मचारियों को वेतन के मुताबिक ही मिलेगी पेंशन, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की संशोधित पीएफ पेंशन योजना

एरणाकुलम, 06 नवंबर: कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन (ईपीएफओ) की कर्मचारी पेंशन योजना में 2014 से लागू किए गए संशोधनों को केरल हाईकोर्ट ने अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है. इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को उनके मौजूदा वेतन के मुताबिक बढ़ी हुई पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार ने 1995 की पेंशन योजना में 1 सितंबर 2014 से संशोधन कर दिया था. इसके खिलाफ ईपीएफ के सदस्य 300 से अधिक कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सुरेंद्र मोहन और न्यायमूर्ति ए.एम. बाबू की खंडपीठ ने यह संशोधित योजना रद्द कर दी. संशोधित योजना के मुताबिक पेंशन के लिए वेतन की अधिकतम सीमा के बजाय पीएफ में किए गए अंशदान देने का विकल्प चुनने के लिए 1 दिसंबर 2014 तक की मियाद दी गई थी. हाईकोर्ट ने यह मियाद रद्द कर दी और साफ किया कि कर्मचारी यह विकल्प कभी भी चुन सकता है.

सरकार की राय थी कि अगर अधिकतम वेतन के मुताबिक पेंशन दी गई तो कर्मचारियों को अधिक लाभ होंगे. चूंकि कोष घट रहा है, इसलिए पेंशन देना लंबे समय तक संभव नहीं हो पाएगा. इस वजह से संशोधन करके यह प्रावधान किया गया ताकि जिन्हें कम वेतन मिलता है, उन्हें भी बाजिव पेंशन मिले. लेकिन, इस तर्क को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. योजना में संशोधन और फैसले का नतीजा 1. संशोधन के मुताबिक कर्मचारी का वेतन कितना भी हो और वह उसके मुताबिक ईपीएफ में अंशदान देता हो, तब भी पेंशन का हिसाब करने के लिए सितंबर 2014 तक 6,500 रुपए से 15,000 रुपए प्रतिमाह तक को ही पैमाना बनाया गया था.

लेकिन, हाईकोर्ट के फैसले से पेंशन का हिसाब आखिरी वेतन के लिहाज से ही करना होगा. 2. इस संशोधन के चलते 15,000 रुपए के वेतन का पैमाना मानकर सेवानिवृत्ति से पूर्व 60 माह के वेतन का औसत निकालकर पेंशन का हिसाब किया जाना था. अब सेवानिवृत्ति के पहले के 12 माह के वास्तविक वेतन के औसत के हिसाब से पेंशन का हिसाब होगा. 3. संशोधन के मुताबिक कर्मचारियों को उनके मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 1.83% रकम पेंशन कोष के लिए अतिरिक्त अंशदान के रूप में भरनी थी. अब यह नहीं भरनी होगी.

Web Title: Supreme Court nullifies amendments to Employees’ Pension Scheme will remain same as per employees pay scale

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