जस्टिस चेलमेश्वर हुए रिटायर, SC में एम. जोसेफ की पदोन्नत न होने को लेकर जताई असहमति
By भाषा | Published: June 23, 2018 05:12 AM2018-06-23T05:12:17+5:302018-06-23T05:12:17+5:30
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने कहा, 'मैं चाहता हूं और इसकी प्रार्थना करता हूं कि वह (उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश जोसेफ) उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश बनें। मैंने उसे नहीं रोका है। मैं इसके लिए लगातार कहता रहा हूं। कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से अपनी सिफारिश दोहरायी है।'
नई दिल्ली, 23 जूनः न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत नहीं करने के केंद्र के निर्णय से शुक्रवार को असहमति जतायी और इस कदम को नहीं टिकने वाला करार दिया। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने उच्चतम न्यायालय के तीन अन्य न्यायाधीशों के साथ अभूतपूर्व तरीके से संवाददाता सम्मेलन किया था, जिसमें पीठों को मामलों के आवंटन में कथित भेदभाव को रेखांकित किया गया था। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायपालिका की विश्वसनीयता 'कभी कभी' खतरे में आयी है।
उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं और इसकी प्रार्थना करता हूं कि वह (उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश जोसेफ) उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश बनें। मैंने उसे नहीं रोका है। मैं इसके लिए लगातार कहता रहा हूं। कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से अपनी सिफारिश दोहरायी है।'
उन्होंने न्यायमूर्ति जोसेफ को एक 'उत्कृष्ट न्यायाधीश' बताया और कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया जाना चाहिए था और कॉलेजियम को उनका नाम केंद्र के पास फिर से भेजना चाहिये।
उन्होंने 'एनडीटीवी' से कहा कि न्यायमूर्ति जोसेफ उनके धर्म, समुदाय या भाषा के नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद वह उनके लिए लड़े। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र के खिलाफ अपने वस्तुत : बगावत के मुद्दे पर कहा कि 12 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन करने का उन्हें कोई खेद नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार को (न्यायाधीशों की पदोन्नति) सिफारिशों को महीनों तक प्रक्रिया में नहीं रखना चाहिए। इससे ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी जिसमें नियुक्तियां नहीं होंगी और रिक्तियां नहीं भर पाएगी। इसका परिणाम यह होगा कि लंबित मामलों में बढ़ोतरी होगी।
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