सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के जमानत मामले को लेकर ईडी और सीबीआई से जवाब मांगा, अगली सुनवाई 29 जुलाई को
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 16, 2024 03:46 PM2024-07-16T15:46:58+5:302024-07-16T15:50:00+5:30
आम आदम पार्टी (आप) नेता की ओर से पेश होते हुए, वकील विवेक जैन ने पीठ को सूचित किया कि सिसोदिया पिछले 16 महीनों से जेल में हैं और मुकदमा उस चरण से आगे नहीं बढ़ पाया है, जिस पर अक्टूबर 2023 में था जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में जमानत के लिए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिका पर मंगलवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा, जिन्होंने उनके खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।
आम आदम पार्टी (आप) नेता की ओर से पेश होते हुए, वकील विवेक जैन ने पीठ को सूचित किया कि सिसोदिया पिछले 16 महीनों से जेल में हैं और मुकदमा उस चरण से आगे नहीं बढ़ पाया है, जिस पर अक्टूबर 2023 में था जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी। याचिका में कहा गया है कि यदि मुकदमे में कोई प्रगति नहीं होती है तो जमानत पर फिर एक बार विचार करने की छूट दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर, 2023 को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हालांकि इसने ईडी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों पर संदेह जताया था। अपनी टिप्पणी में अदालत ने कहा था कि "सामग्री और सबूत" हैं जो "अस्थायी रूप से" धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत लगाए गए आरोपों का समर्थन करते हैं। आरोप के अनुसार, 14 थोक वितरकों ने लगभग 10 महीने की अवधि में 338 करोड़ रुपये का "अतिरिक्त लाभ" अर्जित किया था।
अदालत ने 10 अक्टूबर के आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाएं भी खारिज कर दीं थीं। 4 जून, 2024 को, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि उनके खिलाफ अंतिम आरोपपत्र/अभियोजन शिकायत 3 जुलाई तक दायर की जाएगी, SC की एक अवकाश पीठ ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद मामला जस्टिस संजीव खन्ना, संजय करोल और संजय कुमार की तीन जजों की बेंच के सामने आया। हालाँकि, न्यायमूर्ति कुमार ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया जिसके बाद इसे न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष रखा गया। कोर्ट अब इस मामले पर 29 जुलाई को सुनवाई करेगा।