प्रशांत भूषण कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी करार, सुप्रीम कोर्ट में 20 अगस्त को होगी सजा पर सुनवाई

By विनीत कुमार | Published: August 14, 2020 11:25 AM2020-08-14T11:25:57+5:302020-08-14T11:38:19+5:30

जाने-माने वकील प्रशांत भूषण अपने दो ट्वीट को लेकर कोर्ट की अवमानना के दोषी पाए गए हैं। कोर्ट में अब इस मामले में सजा को लेकर बहस 20 अगस्त को होगी।

Supreme Court holds Prashant Bhushan guilty of contempt of court for alleged tweets on CJI four predecessors | प्रशांत भूषण कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी करार, सुप्रीम कोर्ट में 20 अगस्त को होगी सजा पर सुनवाई

कोर्ट की अवमानना मामले में प्रशांत भूषण दोषी करार (फाइल फोटो)

Highlightsवरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी करार, दो ट्वीट को लेकर हुआ था विवादकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर भेजा था नोटिस, इस मामले में सजा पर सुनवाई अब 20 अगस्त को होगी

सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी ठहराया है। कोर्ट अब इस मामले में सजा पर सुनवाई 20 अगस्त को करेगा। दरअसल पूरा मामला प्रशांत भूषण ने दो ट्वीट को लेकर है जिस पर विवाद शुरू हुआ था। जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टि कृष्ण मुरारी की पीठ इस मामले में अपना फैसला सुनाया।

प्रशांत भूषण हालांकि लगातार पिछली सुनवाई में भी अपने ट्वीट का बचाव करते रहे और कहा था कि वे ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते। प्रशांत भूषण के ये ट्वीट चीफ जस्टिस एसए बोबडे और पूर्व चार चीफ जस्टिस को लेकर था।


बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में प्रशांत भूषण को 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। बाद में पीठ ने सुनवाई पूरी करते हुए 22 जुलाई के आदेश को वापस लेने के लिये अलग से दायर आवेदन को भी खारिज किया था।

प्रशांत भूषण ने पूरे मामले पर अपने 142 पन्नों के जवाब में भूषण ने अपने दो ट्वीट पर कायम रहते हुए कहा था कि विचारों की अभिव्यक्ति, ‘हालांकि मुखर, असहमत या कुछ लोगों के प्रति असंगत’ होने की वजह से अदालत की अवमानना नहीं हो सकती। 

दूसरी बेंच के पास मामला भेजने से भी कोर्ट ने किया था इनकार

पीठ सुनवाई के दौरान भूषण का पक्ष रख रहे दुष्यंत दवे के इस तर्क से सहमत नहीं थी कि अलग आवेदन में उस तरीके पर आपत्ति जताई है, जिसमें अवमानना प्रक्रिया अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की राय लिए बिना शुरू की गई और उसे दूसरी पीठ के पास भेजा जाए।

दवे ने इसके बाद भूषण के खिलाफ दायर अवमानना मामले में बहस की और कहा, ‘दो ट्वीट संस्था के खिलाफ नहीं थे। वे न्यायाधीशों के खिलाफ उनकी व्यक्तिगत क्षमता के अंतर्गत निजी आचरण को लेकर थे। वे दुर्भावनापूर्ण नहीं हैं और न्याय के प्रशासन में बाधा नहीं डालते हैं।' 

उन्होंने साथ ही कहा, ‘भूषण ने न्यायशास्त्र के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है और कम से कम 50 निर्णयों का श्रेय उन्हें जाता है।' दवे ने ये दलील भी दी थी कि अदालत ने टूजी, कोयला खदान आवंटन घोटाले और खनन मामले में उनके योगदान की सराहना की है। दवे ने यह भी कहा था कि कि यह मामला नहीं है जिसमें उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। 

आपातकाल के दौरान मूल अधिकारों के स्थगित करने के एडीएम जबलपुर के मामले का संदर्भ देते हुए प्रशांत भूषण के वकील ने कहा कि न्यायाधीशों के खिलाफ अत्यंत असहनीय टिप्पणी किए जाने के बावजूद अवमानना की कार्यवाही नहीं की गई। 

English summary :
Supreme Court has convicted senior advocate Prashant Bhushan in contempt of court case. The court will now hear the sentence on August 20 in this case. Actually the whole matter is related to two tweets by Prashant Bhushan on which the controversy started. A bench of Justices Arun Mishra, Justice BR Gavai and Justice Krishna Murari gave their verdict in the case.


Web Title: Supreme Court holds Prashant Bhushan guilty of contempt of court for alleged tweets on CJI four predecessors

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